तुर्की राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगान ने यूरोपीय संघ को खरी-खोटी सुनाते हुए कहा कि अगर यूरोप ने अपने वादे पुरे किये होते और अगर तुर्की यूरोपीय संघ का सदस्य बन गया होता तो आज सीरिया के अफ्रिन में हालात दुसरे होते.
उन्होंने कहा कि अगर तुर्की यूरोपीय संघ का सदस्य बन गया होता और अमेरिका ने अफ्रिन के बारे में सही विकल्प बना दिया होता तो आज की वास्तविकता अलग होती. एर्दोगान ने कहा कि तुर्की के कुछ हित हैं जो रूस और ईरान और अन्य लोगों के साथ ओवरलैप करते हैं.
एर्दोगान ने कहा कि आतंकवादी संगठनों के खिलाफ तुर्की की लड़ाई और रूस से एस-400 विमान भेदी मिसाइल प्रणाली की खरीद के आलोचक ग्रीस द्वारा की गई रूसी एस 300 की खरीद पर चुप है. बावजूद इसके अमेरिका एस-400 की खरीद पर तुर्की धमकाता है. उन्होंने कहा, यह एक पारंपरिक दृष्टिकोण है जो गलत है और तुर्की के बारे में काम नहीं कर सकता है.
इसी बीच तुर्की राष्ट्रपति रजब तैय्यब एर्दोगान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से सीरिया के पूर्वी घॉटा को लेकर फोन पर मंगलवार को बातचीत की. दोनों के बीच नागरिकों को मानवीय सहायता देने और घिरे हुए एन्क्लेव में आपदा समाप्त करने के लिए बातचीत हुई.
इसके अतिरिक्त, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्णय के अनुसार, तुर्की, रूसी और ईरानी संयुक्त प्रयासों को पूर्वी घौटा में एक संघर्ष विराम को पूरी तरह से लागू करने के लिए महत्वपूर्ण करार दिया गया.