तुर्की और अमेरिका के बीच के रिश्तें अंतिम दौर में पहुँच चुके है. अमरीका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की तुर्की के यात्रा के बाद अब दोनों देशों के बीच 70 साल से चली आ रही स्ट्रैटेजिक सहयोग समाप्त होने वाली है.
दरअसल, सीरिया में अमेरिका की और से कुर्द फ़ोर्सेज़ की आर्थिक और सामरिक मदद के चलते तुर्की नाराज है. वह कई बार अमेरिका को चेतावनी दे चूका है. लेकिन अमेरिका ने इससे कोई सबक नहीं सिखा है. आफरीन में कुर्द फ़ोर्सेज़ को ध्वस्त करने के लिए तुर्क सेना के आप्रेशन में सबसे बड़ी रुकावट अमरीका बना हुआ है.
हालांकि रेक्स टिलरसन की यात्रा के चलते तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने सब्र का दामन थामा हुआ है. वे फिलहाल कोई भी सख्त बयान देने से बच रहे है. लेकिन उनके क़रीबी नेता दौतल बहिश्तली ने अमेरिका को वियतनाम में हुए नुकसान का कई गुना नुकसान झेलने के लिए तैयार रहने को कहा है.
बहिश्तली ने कहा कि तुर्की अमरीका के लिए घात लगाकर बैठा है. उन्होंने आगे कहा कि 2 करोड़ वियतनामियों ने 20 करोड़ अमरीकियों की चीख़-पुकार निकाल दी थी तो तुर्की अमरीका को उससे कई गुना अधिक पीड़ा पहुंचाएगा जो उसे वियतनाम में पहुंची थी.
बहिश्तली ने यह भी कहा कि सीरिया के इफ़्रीन इलाक़े में तुर्क सेना के टैंक को जिस मिसाइल से उड़ाया गया और सात तुर्क सैनिक मारे गए, वह अमरीकी मिसाइल था. इस मामले की जांच चल रही है साक्ष्यों के एकत्रित होते ही अमरीका अपराधी घोषित कर दिया जाएगा.