ट्यूनीशिया ने मोरक्को की तरह इजरायल को मान्यता देने और उसके साथ रिश्तों को सामान्य करने से साफ़ इनकार कर दिया। प्रधान मंत्री हिचमे मचिची ने जोर देकर कहा कि यहूदी राज्य के साथ संबंध स्थापित करना उनके “एजेंडे में कभी रहा ही नहीं”।
पिछले हफ्ते, अगस्त के बाद से इजरायल को मान्यता देने वाले देशों में मोरक्को, अरब लीग में चौथा देश बन गया, जिसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के राजनयिक सौदों की हड़बड़ी में अपनाया।
इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, और सूडान ने इजरायल के साथ संबंधों को सामान्यीकृत किया है जो फिलिस्तीनियों के संघर्ष पर अरब दुनिया के संयुक्त मोर्चे को कमजोर करता है।
Pro-Palestinian protesters hold a stand outside the UAE embassy in Tunisia against #Israel –#Emirates normalization deal.@PalMissionUK pic.twitter.com/CQfpjb87Sf
— Laila Palestinian girl (@LailaPalestini1) August 21, 2020
मेचिची ने सोमवार को एक साक्षात्कार में फ्रांस को 24 प्रसारक बताया, “हम मोरक्को की पसंद का सम्मान करते हैं, मोरक्को एक सिस्टर कंट्री है जिसे हम बहुत प्यार करते हैं।” लेकिन, उन्होंने कहा, “ट्यूनीशिया के लिए, सवाल एजेंडे में नहीं है।”
मेचिची ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे को लेकर ट्रम्प प्रशासन से संपर्क नहीं किया गया। उन्होने कहा, “हर देश की अपनी वास्तविकता, अपनी सच्चाई और अपनी कूटनीति होती है, जिसे वह अपने लोगों के लिए सबसे अच्छा समझता है।”
वहीं पड़ोसी अल्जीरिया ने कट्टर प्रतिद्वंद्वी मोरक्को के साथ हुए इजरायल की डील पर कहा कि यह कदम “विदेशी युद्धाभ्यास का उद्देश्य था जो अल्जीरिया को अस्थिर करने का लक्ष्य था”। अल्जीरिया, पश्चिमी सहारा में पोलिसारियो स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन करता है। डील के तहत वाशिंगटन ने विवादित पश्चिमी सहारा क्षेत्र पर मोरक्को की संप्रभुता को मान्यता दे दी।