अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस की सही समय पर चेतावनी नहीं देने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के फंडिंग रोक देने की धम’की दी है। ट्रंप ने कहा कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन को अमेरिका की ओर से दिए जाने वाले वित्त पोषण (फंडिंग) पर रोक लगाएंगे।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च की जाने वाली राशि पर रोक लगाने जा रहे हैं। हम इस पर बहुत प्रभावशाली रोक लगाने जा रहे हैं। अगर यह काम करता है तो बहुत अच्छी बात होती। लेकिन जब वे हर कदम को गलत कहते हैं तो यह अच्छा नहीं है।’
डोनाल्ड ट्रंप ने पत्रकारों से कहा कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन पर बड़ी रोक लगाने जा रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के इस निकाय के फंडिग का बड़ा स्रोत अमेरिका है। ‘अमेरिका पहले’ का नारा देने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘हम डब्ल्यूएचओ पर खर्च किए जाने वाले धन पर रोक लगाने जा रहे हैं।’ ट्रंप पहले भी संयुक्त राष्ट्र के तहत काम करने वाली एजेंसियों को निशाने पर ले चुके हैं।
The W.H.O. really blew it. For some reason, funded largely by the United States, yet very China centric. We will be giving that a good look. Fortunately I rejected their advice on keeping our borders open to China early on. Why did they give us such a faulty recommendation?
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 7, 2020
हालांकि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी कि डब्ल्यूएचओ के लिए खर्च किए जाने वाले कितने पैसे पर रोक लगाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा: “मैं यह नहीं कह रहा कि मैं यह करने जा रहा हूं।” उन्होंने कहा, ‘हम फंडिंग खत्म करने पर विचार करेंगे।’ डोनाल्ड ट्रंप के मुताबिक डब्ल्यूएचओ “चीन की ओर बहुत पक्षपाती प्रतीत होता है। यह सही नहीं है।”
उन्होंने कहा, ‘हम उन्हें 5.8 करोड़ डॉलर से अधिक की धनराशि देते हैं। इतने वर्षों में उन्हें जो पैसा दिया गया है उसके मुकाबले 5.8 करोड़ डॉलर छोटा-सा हिस्सा हैं। कई बार उन्हें इससे कहीं ज्यादा मिलता है।’ उन्होंने कहा, ‘डब्ल्यूएचओ न केवल अमेरिकी लोगों के लिए नाकाम हुआ बल्कि वह कोविड-19 से निपटने में घोर लापरवाही के साथ विश्व के मोर्चे पर भी नाकाम हुआ।’