रियाद:सीरिया में आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर सऊदी अरब ने तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी कर ली है और राष्ट्रपति बशर-अल-असद के ख़िलाफ़ जंग का ऐलान भी कर दिया है । सीरिया के ख़िलाफ इस जंग में सऊदी अरब के नेतृत्व में पाकिस्तान सहित 20 सुन्नी मुस्लिम देशों की फ़ौज भी शामिल है । इस फौज में 2500 लड़ाकू जहाज़, 20 हज़ार टैंक और 3लाख 50 हज़ार फ़ौजी शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक सऊदी अरब के उत्तरी इलाके में यह फौज़ पिछले कई दिनों से युद्धाभ्यास कर रही है । यह देश अमरीका के एक इशारे का इंतजार कर रहे है । सऊदी अरब के रक्षा मंत्री आदिल अल जुबैर ने कहा है कि अगर अमरीका सीरिया में जमीनी लडा़ई के लिए आदेश देंगा तो सऊदी युद्ध के लिए तैयार बैठी फौज़ सीरिया में उतारने को तैयार है।
आदिल अल जुबैर के इस बयान के तुरंत बाद संयुक्त राष्ट्र में ईरान के प्रतिनिधि ने एक प्रेस कांफ्रेस बुलाई और कहा कि अगर सीरिया में सऊदी अपने सैनिक भेजता है तो एेसा करना अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करना होगा । उन्होंने कहा सीरिया की ज़मीन पर पैर रखने से पहले सऊदी अरब को एक बार फिर सोचना चाहिए क्योंकि यदि वह इस बार इस युद्ध में शामिल हुआ तो उस का इस युद्ध में से बाहर निकलना मुश्किल होगा ।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सऊदी अरब ने सीरिया के साथ-साथ रूस को भी जवाब देने की तैयारी कर ली है । एक तरफ़ अमरीका है जो सऊदी अरब को समर्थन दे रहा है और दूसरी तरफ़ रूस है जो ईरान और सीरिया का समर्थन कर रहा है । वॉर एनालिस्ट का कहना है कि यदि सऊदी की फौजें सीरिया में घुसतीं हैं तो तीसरा विश्वयुद्ध शुरू हो जाएगा ।
सीरिया की इस लड़ाई में तीसरी मुख्य भूमिका तुर्की की है । वह अमरीका के साथ भी है और ख़िलाफ़ भी । वह कहता है कि असद् के साथ-साथ कुर्द लड़ाकों के ख़िलाफ़ भी कार्यवाही हो परन्तु अमरीका आतंकवादियों के ख़िलाफ़ कुर्द लड़ाकों की मदद कर रहा है। कुल मिला कर दुनिया के बड़े देश एक बार फिर शीत युद्ध की स्थिति में हैं और यदि यह युद्ध शुरु हो जाता हैं तो तीसरा विश्व युद्ध दूर नहीं है।