ISIS के जिहादी जॉन के कारनामों ने दुनिया अच्छी तरह वाकिफ है लेकिन उससे भी अधिक खूंखार आतंकवादी की मीडिया में चर्चाएँ की जा रही है यह युवक आतंकवादी संगठन दाईश का वरिष्ठ कमांडर है
NDTV तथा जनसत्ता में प्रकाशित खबर के अनुसार यह दावा किया गया है की ईजिदी लड़कियों को अगवा करना तथा उनकी तस्करी करने का ज़िम्मा इस खूंखार आतंकवादी के पास है, भारतीय मूल का ब्रिटिश नागरिक सिद्धार्थ धार ने हिन्दू धर्म छोड़कर इस्लाम अपनाया तथा अपना नाम अबू-रुमयसा रखा तथा ब्रिटिश पुलिस ज़मानत को दरकिनार करते हुए बीवी बच्चों सहित सीरिया चला गया.
संगठन द्वारा गुलाम बनाई गई यजीदी किशोरी निहद बरकत के हवाले से इंडीपेंडेंट अखबार ने बताया है कि उसे सिद्धार्थ ने अगवा कर उसकी तस्करी की थी जो अब मोसुल में है. यह स्थान संगठन का इराकी गढ़ है.ब्रिटिश मुस्लिम टीवी को एक नये वृत्तचित्र के लिए दिए एक साक्षात्कार में बरकत ने बताया कि सिद्धार्थ उन विदेशी लड़ाकों में शामिल था जिन्होंने उसे यौन दासी बनाया था.
उसने बताया, ‘‘जब मुझे किरकुक के पास पकड़ा गया तब वे मुझे मोसुल से अन्य नेता के पास ले गए. उसका नाम अबू धर था. हर दिन वह मुझे कहता था कि मुझे दूसरे व्यक्ति से शादी करनी है.’’
जिस तरह से भारतीय मूल के इस आतंकवादी के कारनामों की खबर मीडिया में प्रकाशित की गयी है वो एक काफी संजीदा मामला नज़र आता है. नौजवानों को आकर्षित करने के लिए ये खूंखार संगठन कोई कसर बाकी नही छोड़ रहा है. हॉलीवुड की किसी एक्शन फिल्म की तरह अपने कारनामों की विडियो बनाकर रिलीज़ करने वाला संगठन अपने खूखार आतंकवादियों के कारनामो को लेकर एक पत्रिका भी प्रकाशित करता है जिसमे आतंकवादियों द्वारा की गयी हत्याओं, अपहरण, ब्लास्ट आदि को काफी बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाता है.