सऊदी अरब से होकर अगर एयर इंडिया की फ्लाइट सीधे तेल अवीव पहुँचती है तो ऐसे में उसे आठ की जगह छह घंटे तथा ईधन की बचत होगी. इसी कारण पिछले महीने इस्राइली प्रधानमन्त्री नेतान्याहू की भारत यात्रा पर एयर इंडिया ने इजरायल एयरलाइंस El Al के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें दिल्ली और तेल अवीव के बीच सऊदी आसमान से गुजरने वाली सीधी उड़ानें शुरू होनी थी.
आरंभ में यह ख़बरें तब सामने आई जब इस्राइली मीडिया में यह कहा गया की रियाद ने एयर इंडिया के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, लेकिन जैसे जैसे खबर सुर्ख़ियों में आई उसके बाद से सऊदी मीडिया ने इस बात का खंडन करना शुरू कर दिया की सऊदी शासन ने ऐसे किसी प्रस्ताव को स्वीकार किया है.
अरबी समाचार पत्रों, अरब न्यूज़, अल-अरेबिया के मुताबिक, इजरायल के प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतान्याहू की भारत यात्रा के बाद दोनों एयरलाइन्स ने कॉन्ट्रैक्ट के लिए हस्ताक्षर किये थे.
नेतान्याहू की भारत यात्रा में भारतीय और इस्राइली एयरलाइंस के बीच का समझौता सबसे बड़ी उपलब्धि था, क्योंकि यह आठ घंटे की हवाई यात्रा में दो घंटे की यात्रा बचाएगा, जिसके कारण ईंधन और टिकट की लागत में भी कमी हो सकती थी. इस्राइली सरकार इसे ऐतिहासिक उपलब्धि बता रही थी.
दोनों देशों ने यात्रा के दौरान कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर कर लिए थे और उस समय दोनों देशों को बस सऊदी अरब का इन्तेजार था, जिनके फैसले से इस काम को अन्जाम मिलना था. लेकिन सऊदी अरब ने इसराइल और भारत के इस योजना पर पानी फेर दिया क्योंकि सऊदी अरब के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने बुधवार को अपने हवाई क्षेत्र का उपयोग करके भारत और इसराइल के बीच उड़ानों के लिए किसी भी प्राधिकरण से इनकार कर दिया.

अल अरबिया की खबरों के मुताबिक सऊदी अरब में जनरल अथॉरिटी ऑफ सिविल एविएशन (जीएसीए) के प्रवक्ता ने कहा “कि कोई भी प्राधिकरण एयर इंडिया को अनुमति नहीं दे रहा है.” उन्होंने कहा की “इसराइल और भारत की फ्लाइट यहाँ के एयर स्पेस को यूज नहीं कर सकती हैं.”
अल अरबिया की खबरों के मुताबिक एयर इंडिया ने हाल ही में घोषणा की थी कि “वह इजरायल से सीधी उड़ानें शुरू करने की योजना बना रही है और उसने सऊदी हवाई क्षेत्र के माध्यम से यात्रा करने का प्रस्ताव रखा है.”
एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा था कि “सरकारी स्वामित्व वाली वाहक ने नई दिल्ली और तेल अवीव के बीच सप्ताह में तीन उड़ानों का आदेश दिया था. उन्होंने कहा था कि भारतीय एयरलाइंस उन उड़ानों में सऊदी हवाई क्षेत्र को पार करने की मंजूरी के लिए इंतजार कर रही है.” लेकिन इसे सऊदी अथॉरिटी द्वारा मना कर दिया गया है.
इज़राइली एयरलाइंस इएल एल वर्तमान में मुंबई में एक सप्ताह में चार उड़ानें संचालित करती है, लेकिन पांच की बजाय सात घंटे लेती है क्योंकि वे इथियोपिया के लिए एक दक्षिणी मार्ग लेते हैं और फिर पूर्व से भारत जाते हैं, जहां वे सऊदी एयरस्पेस पार नहीं कर सकते.
जहाँ सऊदी अरब और इसराइल के समाचार पत्रों में यह खबर सामने आ रही है की सऊदी अरब ने एयर इंडिया को सऊदी हवाई मार्ग इस्तेमाल करने से मना कर दिया है, वहीँ कुछ मीडिया संस्थान सऊदी अरब द्वारा परमिशन देने की खबर भी चला रहा है. हालाँकि अरब न्यूज़ की ताज़ा खबरों में इजाज़त देने वाली बात का खंडन किया गया तथा इस बात की पुष्ठी इस्राइली समाचार पत्र हेअर्त्ज़ ने भी की है.
साभार -वर्ल्ड न्यूज़ अरेबिया