सऊदी अरब में बेरोज़गारी की मार झेल रहे भूखे-प्यासे भारतीय नागरिको को मदद मिल पाना मुश्किल सा दिख रहा हैं. जैसा की खबरों में सामने आ रहा हैं कि पिछले दस दिनों से लगभग 700 से अधिक भारतीयों को खाने-पीनी को भी नहीं मिला हैं, और तकरीबन 10,000 से ज़्यादा भारतीय ऐसे हैं जिनको पिछले कई महीनो से ना केवल तनख्वा बल्कि खाने-पीने के भी पैसे नहीं मिल रहे हैं.
सऊदी में काम करने वाले भारत के बिहार प्रदेश के ‘शमशाद’ अली ने वर्ल्ड न्यूज़ अरेबिया से बात करते हुए बताया कि किस तरह के हालातो से इस वक़्त वह गुज़र रहे हैं, और भारत से मदद नहीं मिल पाना भी मुश्किल हो गया हैं. शमशाद अली सऊदी अरब के दम्माम शहर की साद ग्रुप ऑफ़ अल-खोबर में फिनिशिंग कारपेंटर का काम करते हैं.
शमशाद ने बताया कि वह पिछले आठ साल से इस कंपनी में काम कर रहे हैं, और नवम्बर, 2015 से मुझको तनख्वाह नहीं मिली हैं. यहाँ तक कि खाने-पीने तथा इलाज करने तक के पैसे नहीं मिल रहे हैं. दिलशाद ने बताया कि 3 मई 2016 को एक व्यक्ति को सही उपचार ना मिलने के कारण उसकी मौत हो गयी थी.
शमशाद का कहना है कि “उस दिन के बाद से मैंने और मेरे साथ काम करने वालो ने नौकरी पर जाना बंद कर दिया. हमने इस घटना के बारे में लेबर कोर्ट और भारतीय दूत को जानकारी दी, कुछ दिन बाद लेबर कोर्ट हमारे पास आये और हमको आश्वासन दिया कि 10 दिन के अंदर खाने-पीने और दुसरे अखराजात की मदद दी जाएगी.”
लेकिन वह तारिख हैं और आज की तारिख है हमको कोई मदद नहीं मिल पायी हैं. हमने लेबर कोर्ट वालो से कहा था कि मुझको और मेरे साथियो को घर जाना हैं जिसके लिए उन्होंने 10 दिन का वक़्त माँगा था और अभी तक कुछ नहीं हो पाया हैं.
बिहार के सिवान ज़िले के रहने वाले दिलशाद ने बताया कि “मेरे फादर भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से 27 जून को मिले थे और इस बारे में जानकारी दी थी. जिसपर विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया था कि जल्द ही अपके बेटे सहित सभी भारतीयों को तनख्वाह और खाने पीने कि मदद मुहिया कराइ जाएगी और ईद के बाद उनको भारत बुला लिया जायेगा.
लेकिन अभी तक किसी भी तरह की मदद हम तक नहीं पहुँच पायी हैं. और मैं आपको बता दू यहाँ पर तकरीबन मेरे जैसे ही 600 से अधिक भारतीयों की भी यही हालात हैं.
हालाँकि शमशाद ने वर्ल्ड न्यूज़ अरबिया के सवांदाता को बताया कि आज भारतीय दूत के वकील सय्यद मोहम्मद शिविर में मुआयना करने आ सकते हैं.