

म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर हुए अत्याचार की जांच को संयुक्त राष्ट्र की अधिकारी यांघी ली को म्यांमार भेजा गया था. उन्होंने सोमवार को म्यांमार से जान बचाकर बांग्लादेश भागने वाले रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों से मुलाक़ात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि रोहिंग्याओं पर म्यांमार सरकार ने ऐसे जुल्म किए कि उनके बारें में सोचा भी नही जा सकता हैं.
ली ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थियों ने उन्हें म्यांमार के सैनिकों द्वारा महिलाओं के साथ सामूहिक बलात्कार के बारे में बताया. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके सामने ही उनके लोगों के सिर शरीर से अलग कर दिए गए. उनके बच्चों को भड़कती हुई आग में फेंक दिया गया.
ली ने बताया कि अपनी जांच के दौरान उन्होंने ऐसी कई जानकारी मिली, एक के बाद एक भयानक कहानी ने उन्हें झकझोर कर रख दिया. उन्होंने एक माँ पर हुए जुल्म के बारें में बताया, जिसके दर्द को वे भी सहन न कर सकी.
उन्होंने उस मां के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि उसे यह मुग़ालता है कि उसके बच्चे को उस घर से निकाल लिया गया था, लेकिन उसे आग के हवाले कर दिया गया. मां आग के भड़कते हुए शोलों में बच्चे की चीख़ें सुन रही थी और उसे बचाने का प्रयास कर रही थी, जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर पड़ी और उसे ऐसा एहसास रहा कि उसके बच्चे को बचा लिया गया है.