अपने ही देश में अपनी ही पहचान के लिए संघर्ष कर रहे म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार सेना के जुल्मों से तंग आकर बांग्लादेश जाने को मजबूर हो रहे हैं. हजारों रोहिंग्या मुस्लिमों के अचानक बांग्लादेश पहुँचने से चिंतित बांग्लादेश ने म्यांमार के राजदूत को ढाका में तलब कर अल्पसंख्यक रोहिंग्या मुस्लिमों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा हैं ताकि उन्हें सीमा पार कर शरण नहीं लेनी पड़े.
बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने म्यांमार के राजदूत म्यो मिंत थान को तलब कर कहा कि हमारे सीमा रक्षकों द्वारा हजारों म्यांमार नागरिकों को राके जाने के बावजूद वे बांग्लादेश की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. बांग्लादेशी अधिकारियों के अनुसार रोहिंग्या मुसलमानों से 20 भरी हुई नाव को उन्होंने वापस भेज दिया. इन नाव में 150 से अधिक लोग थे.
विदेश विभाग ने जारी बयान में कहा कि बांग्लादेश ने म्यांमार से यह भी अनुरोध किया कि वह सेना के कथित बेतहाशा और अनुचित प्रयोग तथा राखिन में सैन्य अभियान के दौरान हुए मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निष्पक्ष जांच के आह्वान को ‘‘उचित महत्व’’ दे.
गौरतलब रहें कि हाल ही में शुरू हुई हिंसा के बाद सुरक्षाबलों ने रोहिंग्या मुस्लिमों पर अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया हैं. बर्मा ह्यूमन राइट्स नेटवर्क (BHRN) के अनुसार सैन्य कार्रवाई के दौरान सुरक्षा बल रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार कर रहे हैं.
बर्मा ह्यूमन राइट्स नेटवर्क (BHRN) के अनुसार, सुरक्षा बलों ने 19 अक्टूबर को एक ही गांव की करीब 30 मुस्लिम महिलाओं के साथ रेप किया. वहीँ दूसरे गांव से 25 अक्टूबर को 16 से 18 वर्ष की पांच लड़कियों के साथ बलात्कार किया गया. इसके अलावा 20 अक्टूबर को भी एक अन्य गांव में 2 लड़कियों के साथ बलात्कार हुआ. वहीँ 150 से ज्यादा मुस्लिमों के मारे जाने की भी खबर हैं.