क़तर के विदेश मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुर्रहमान आले सानी ने एक बार फिर से सऊदी गुट की और से नाकेबंदी के बाद मदद के लिए ईरान का आभार जताया है. उन्होंने कहा कि ईरान ने राजनीतिक मतभेदों के बावजूद क़तर की जनता को भूखा नहीं मरने दिया.
बुधवार को क़तर के सरकारी टीवी से बात करते हुए आले सानी ने कहा, त्र के कई मामलों में तेहरान और दोहा के बीच गंभीर मतभेद हैं, लेकिन पड़ोसी देशों द्वारा क़तर की घेराबंदी और आर्थिक परिवेष्टन के बावजूद ईरान ने आगे बढ़कर क़तरी जनता की सहायता की.
उन्होंने कहा कि क़तर की घेराबंदी इसी इरादे से की गई थी कि लोग भूखे मरने लगेंगे तो सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर आयेंगे, जिसके बाद आसानी से इस देश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप किया जा सकेगा. क़तर के विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान हमारा पड़ोसी देश है और हम अपने इस पड़ोसी देश का सम्मान करते हैं.
ध्यान रहे जून के महीने में सऊदी अरब सहित संयुक्त अरब इमारात, बहरैन और मिस्र ने क़तर से अपने रिश्ते तोड़ दिए थे. साथ ही क़तर के साथ लगी जमीनी, आसमानी और समुद्री सीमाओ को सील कर दिया था. जो आज भी जारी है. इस दौरान इस देशों ने क़तर पर आतंकियों की वित्तीय मदद का आरोप लगाया था. जिसे क़तर ने नकार दिया.
सऊदी गुट की नाकेबंदी के तुरंत बाद क़तर को खाद्य पदार्थों की भारी कमी का सामना था, लेकिन ईरान और तुर्की ने आगे बढ़कर इस देश की भरपूर सहायता की और आम ज़रूरत की वस्तुएं दोहा तक पहुंचाईं. साथ ही अपनी सीमाओं को क़तर के लिए खोल दिया था.