पूर्ण सदस्यता के लिए फिलिस्तीन करेगा संयुक्त राष्ट्र में दावा पेश

संयुक्त राष्ट्र: फिलिस्तीन के विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण सदस्यता का दावा पेश करेगा, हालांकि उन्हें इल्म है कि अमेरिका इस कदम को अवरुद्ध करेगा।

फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल-मलिकी ने पत्रकारों से कहा, ‘हमें पता है कि अमेरिका के वीटो का सामना करना पड़ेगा लेकिन यह हमें संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता के लिए आवेदन देने से नहीं रोक सकता।’  बता दें कि फिलिस्तीन अभी संयुक्त राष्ट्र में गैर सदस्य पर्यवेक्षक देश है और पूर्ण सदस्यता मिलने से फिलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल जाएगी।

संयुक्त राष्ट्र की पूर्ण सदस्यता के लिए पहले सुरक्षा परिषद की मंजूरी अनिवार्य है जहां अमेरिका के पास वीटो का अधिकार है। सुरक्षा परिषद के बाद यह प्रस्ताव महासभा के पास भेजा जाता है।

मलिकी ने कहा कि फिलिस्तीन आगामी ‘कुछ सप्ताहों’ में संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए आवेदन देने के मद्देनजर सुरक्षा परिषद के सदस्यों की लॉबिंग शुरू करेगा। फिलिस्तीन ने 2011 में संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लिए आवेदन दिया था लेकिन यह कभी भी सुरक्षा परिषद में वोट के लिए नहीं आ पाया।

फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने विकासशील देशों के सबसे बड़े समूह ग्रुप ऑफ 77 एंड चाइना की अध्यक्षता अपने हाथ में लेने के मौके पर संयुक्त राष्ट्र में एक समारोह को संबोधित किया।अब्बास ने आरोप लगाया कि इजराइल पश्चिम एशिया में विकास अवरुद्ध कर रहा है और उन्होंने दो राष्ट्रों वाले समाधान की प्रतिबद्धता दोहराई।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पिछले साल पर्यवेक्षक राष्ट्र फिलिस्तीन को जी-77 के अध्यक्ष के तौर पर अतिरिक्त अधिकार देने के एक प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था। जी-77 संयुक्त राष्ट्र के 134 देशों का समूह है। अमेरिका ने इस कदम के खिलाफ वोट देते हुए दलील दी थी कि फिलिस्तीन को समूह की अध्यक्षता नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि उसके पास पूर्ण सदस्य देश का दर्जा नहीं है।

विज्ञापन