येरुशलम को इसराइल की राजधानी घोषित करने के बाद से डोनाल्ड ट्रम्प की दुनियाभर में काफी आलोचना की जा रही थी, यहाँ तक की कुछ देशों ने इसे ‘बिना सोचे समझे उठाया हुआ कदम’ कहा था वहीँ नार्थ कोरिया के किम जोंग ने डोनाल्ड ट्रम्प को ‘सठिया गये’ शब्दों से उच्चारित किया था.
यूनाइटेड नेशनल ने इस मामले को उलझता देख इस पर विश्व की देशों की वोटिंग कराने का फैसला किया था जिसमे अमेरिका की बेहद किरकिरी सामने आई है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने गुरुवार को एक प्रस्ताव पास कर अमेरिका से यरुशलम को इजरायल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के फैसले को वापस लेने को कहा है। इस प्रस्ताव का भारत समते 128 देशों ने समर्थन किया, जबकि सिर्फ 9 देशों ने ही प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया।
128 countries vote in favor of U.N. call for U.S. to withdraw decision to recognize Jerusalem as Israel’s capital, 9 countries oppose: Reuters pic.twitter.com/qdWmz9nQer
— ANI (@ANI) December 21, 2017
अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने धमकी दी थी कि जो भी देश प्रस्ताव के पक्ष में वोट देंगे, उन्हें अमेरिका की तरफ से दी जाने वाली आर्थिक मदद में कटौती की जाएगी। उनकी धमकी का कोई खास असर नहीं पड़ा और सिर्फ 9 देशों ने ही प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया और 35 देशों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। ग्वाटेमाला, होंडुरास, इजरायल, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, पलाउ, टोगो और अमेरिका ने प्रस्ताव के विरोध में वोट दिया।
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने महासभा के प्रस्ताव की आलोचना की है। हेली ने कहा कि अमेरिका इस दिन को याद रखेगा जब एक संप्रभु देश के तौर पर अपने अधिकारों का इस्तेमाल करने की वजह से संयुक्त राष्ट्र महासभा में उस पर हमला हुआ। उन्होंने कहा कि अमेरिका यरुशलम में अपना दूतावास खोलेगा।