हेब्रोन की इब्राहीम की मस्जिद हत्याकांड को 24 साल पुरे हो चुके है. लेकिन आज भी फिलिस्तीन का मुसलमान न्याय की उम्मीद में है. 24 साल पहले इज़राइली आबादकार ने रमजान में फजर के वक्त इब्राहिम मस्जिद में आग लगा दी थी. जिसमे नमाज अदा करने पहुंचे 29 मुसलमान शहीद हो गए थे. इसके अलावा 150 अन्य घायल हुए थे.
इस दौरान इज़राइलियो ने हैवानियत की कोई कसर नहीं छोड़ी. जलते मुसलमानों को बाहर आने से रोकने के लिए मस्जिद के दरवाजे बंद कर दिए. साथ ही इजरायली सैनिकों ने मस्जिद को घेर लिया और बाहर से आने वाली मदद को भी रोक दिया था.
#On_this_day of 1994 ..
The Israeli criminal Baruch Goldstein committed the massacre of the Ibrahimi Mosque in Hebron February 25, 1994 ,he shot Palestinians worshipers in the mosque while performing Friday prayers.29 worshipers were martyred and 150 oth… pic.twitter.com/Fxp7zZ8Ewv— Cigarette ? (@CigaRetTeeo) February 25, 2018
नमाजियों को बचाने के लिए फिलिस्तीनियों की इज़राइलियो के साथ झडप भी हुई. जिसमे करीब 10 और फिलिस्तीनी मुसलमान शहीद हुए. जिसकी वजह से शहीद होने वालों की तादाद 60 तक पहुचं गई थी. इस नरसंहार के तुरंत बाद, इसराइल ने हिब्रोन के पुराने शहर को छह महीने तक बंद करने का फैसला किया, जहां इब्राहिमी मस्जिद स्थित है.
#Israel forces ☠️ attacking a peaceful demonstration in the 24th anniversary of Al Ibrahimi mosque massacre in #Hebron. #IsraelCrimes #IsraelNaked #BDSOurWeapon #BDS pic.twitter.com/ssaEihce39
— Dr. Basem Naim (@basemn63) February 17, 2018
इसके बाद इजराइल ने मुस्लिमों और यहूदियों के बीच मस्जिद को विभाजित करने के लिए, यहाँ बसने वालों को दंड देने और नरसंहार की जांच के लिए एकसमिति का गठन किया गया. साथ ही शहर की कई गलियों को बंद कर दिया गया. जिनमे सबसे प्रसिद्ध शूहडा स्ट्रीट भी शामिल है. जो आज तक फिलिस्तीनियों के लिए बंद रहती है.
#Video Israeli occupation forces prevent the students and the teachers of “ Cordoba School “ from reaching their school through the military checkpoint in Shuhada street #Hebron. pic.twitter.com/GuZrRhefGN
— Days of Palestine (@DaysofPalestine) February 8, 2018
साथ ही फिलीस्तीनियों के आंदोलन को प्रतिबंधित करने के लिए सैनिक चौकियों की स्थापना भी की गई, जबकि इजरायली स्वतंत्र रूप से यहाँ बसते चले गए.