पाकिस्तान की इमरान सरकार ने भारतीय सिखों को बड़ा तोहफा दिया है। वह भारतीय सीमा से लगे करतारपुर बॉर्डर क्रॉसिंग को खोलने जा रहा है। जिसके बाद भारत के सिख तीर्थयात्री पाकिस्तान स्थित ऐतिहासिक गुरुद्वारा करतारपुर का दौरा बिना वीजा कर सकेंगे।
शुक्रवार को पाकिस्तान के संचार मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि सिखों के लिए गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर जाने के लिए एक प्रणाली विकसित की जा रही है। जल्द ही आवाजाही शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जल्द ही सिख तीर्थयात्रियों के लिए करतारपुर में सीमा खुल जाएगी और तीर्थयात्री बिना वीजा के करतारपुर जा सकते हैं।
उन्होने कहा, वे टिकट खरीदकर आएंगे और माथा टेककर वापस जाएंगे। ऐसी प्रणाली बनाने की कोशिश की जा रही है।आपको बता दें कि कुछ दिन पहले नवजोत सिंह सिद्धू की इस्लामाबाद यात्रा के दौरान भी करतारपुर बॉर्डर का मामला उठा था।
चौधरी ने कहा, पाकिस्तान की सेना और सरकार भारत के साथ शांति वार्ता करने की इच्छुक है, लेकिन भारत से इस मुद्दे पर अभी तक कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिला है। उन्होने कहा कि पाकिस्तान सरकार के भारत के साथ संबंध सुधारने और वार्ता करने के फैसले से सेना भी सहमत है। चौधरी ने कहा, इमरान और जनरल कमर जावेद बाजवा दोनों यह समझते हैं कि कोई देश अलग-थलग रहकर प्रगति नहीं कर सकता। दोनों समझते हैं कि अगर क्षेत्रीय शांति नहीं सुनिश्चित की गई तो हम विकास की दौड़ में पिछड़ जाएंगे।
आपको बता दें कि करतारपुर गुरुद्वारा भारतीय सीमा के करीब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नारोवाल जिले में स्थित है। यह तीर्थस्थल सिखों के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने यहीं पर अंतिम समय बिताया था।