इस्लामाबाद: पकिस्तान ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद स्थल पर बुधवार (5 अगस्त) को हुए राम मंदिर भूमि पूजन की सख़्त आलोचना की है। पाकिस्तान ने भारत के इस कदम को भारतीय लोकतंत्र के चेहरे पर एक दाग़ बताया है।
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय (एफओ) ने एक बयान में कहा ,‘‘भारतीय उच्चतम न्यायालय के त्रुटिपूर्ण निर्णय ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया, जो न केवल न्याय पर आस्था की प्रधानता को दर्शाता है, बल्कि आज के भारत में बढ़ते बहुसंख्यवाद को भी दिखाता है जहां अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुसलमानों और उनके पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं।’’
विदेश कार्यालय ने कहा कि “वो ज़मीन जिस पर बाबरी मस्जिद 500 बरसों तक खड़ी रही हो, वहां राम मंदिर का निर्माण निंदनीय है। भारतीय सुप्रीम कोर्ट का मंदिर बनाने के लिए इजाज़त देने का फ़ैसला, न सिर्फ़ मौजूदा भारत में बढ़ते बहुसंख्यकवाद को दर्शाया है, बल्कि ये भी दिखाता है कि कैसे धर्म न्याय के ऊपर हावी हो रहा है। आज के भारत में अल्पसंख्यक, ख़ासकर मुसलमानों के धर्मस्थलों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। ऐतिहासिक मस्जिद की ज़मीन पर बना मंदिर तथाकथित भारतीय लोकतंत्र के चेहरे पर एक दाग़ की तरह होगा।”
वहीं पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सूचना मंत्री फ़ैय्याज़ उल हसन चौहान ने कहा, “पाकिस्तान करतारपुर कॉरिडोर खोलने जैसा क़दम उठा रहा है, जबकि भारत हर वो क़दम उठा रहा है जो मुसलमानों और दूसरे अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हो और इसी वजह से पूरी दुनिया में उसकी जगहंसाई हो रही है। भारतीय प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी बीजेपी के फ़ैसले से उनके चेहरे से धर्मनिरपेक्ष देश होने का नक़ाब उतर चुका है जिसकी पूरी दुनिया अब निंदा कर रही है।”
इसके अलावा पाकिस्तान के बड़बोले रेल मंत्री शेख रशीद ने कहा है कि भारत अब धर्मनिरपेक्ष देश नहीं रहा बल्कि राम नगर में तब्दील हो गया है। राशिद ने कहा कि पुराने समय के धर्मनिरपेक्ष देश अब दुनियाभर में खत्म हो गए हैं और भारत अब ‘श्रीराम के हिंदुत्व’ का देश बन गया है।
रशीद ने कहा कि पाकिस्तान अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पाकिस्तान कड़ी निंदा करता है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 साल पहले अयोध्या यात्रा के दौरान अपना इरादा जता दिया था। रशीद ने कहा कि मोदी ने जानबूझकर राम मंदिर भूमिपूजन के लिए ऐसा दिन चुना है जब कश्मीर में आर्टिकल 370 को खत्म करने के एक साल पूरे हो रहे थे। पाकिस्तानी रेल मंत्री ने कहा, ‘प्रत्येक हिंदू नेता ने बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर राजनीति की है।’