पाकिस्तान के सिंध प्रांत में होली की पूर्व संध्या पर दो हिंदू बहनों के इस्लाम धर्म अपनाने को लेकर बवाल मचा हुआ है। लड़कियों के पिता ने दोनों बहनों को नाबालिग बताते हुए अगवा कर उनका जबरन धर्मांतरण करवाने और शादी करवाने का दावा किया। लेकिन अब मामला कुछ और ही निकला।
इस मामले में जब इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया तो दोनों लड़कियों ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को बताया कि उनकी उम्र 18 और 20 साल हो रही है और उन्होंने अपनी मर्ज़ी से इस्लाम धर्म को अपनाया है। दरअसल, दोनों बहनों ने हिफाजत के लिए हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। एएनआई ने जियो न्यूज के हवाले से लिखा है, “इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने राज्य को दोनों बहनों की सुरक्षा और उन्हें अपनी कस्टडी में लेने का आदेश दिया है।” दोनों बहनों ने अपनी याचिका में ये भी कहा था कि कहा था कि सरकारी एजेंसियां और मीडिया उनका उत्पीड़न कर रही हैं। याचिका में लड़कियों ने कहा था कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक़ उन्हें धर्म चुनने की आज़ादी है और ऐसा उन्होंने अपनी मर्ज़ी से किया है।
Mam its Pakistin internal issue and rest assure its not Modi’s India where minorities are subjugated its Imran Khan’s Naya Pak where white color of our flag is equally dearer to us.I hope you ll act with same diligence when it comes to rights of Indian Minorities https://t.co/MQC1AnnmGR
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) March 24, 2019
ऐसे में हाईकोर्ट ने इस्लामाबाद के डिप्टी कमिश्नर को आदेश दिया है कि दोनों लड़कियों को सुरक्षा प्रदान किया जाए और उनको शेल्टर होम भेज दिया जाए। अदालत ने दोनों लड़कियों के पति को भी सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं। इस मौक़े पर इस्लामाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अतहर मिनअल्लाह ने कहा कि कुछ ताक़तें पाकिस्तान की छवि को ख़राब करना चाहती हैं।
उनका कहना था, ”पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकार दूसरे देशों की तुलना में ज़्यादा है।” बता दें कि भारतीय विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के ‘नया पाकिस्तान’ का संदर्भ देते हुए ट्वीट किया, “पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण हुआ। लड़कियों की उम्र को लेकर कोई विवाद नहीं है। रविना की उम्र सिर्फ 13 साल और रीना की उम्र सिर्फ 15 साल है। यहां तक कि नया पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इस बात पर विश्वास नहीं करेंगे कि इस कच्ची उम्र की लड़कियां स्वेच्छा से किसी दूसरे धर्म में विवाह या धर्म परिवर्तन के बारे में फैसला कर सकती हैं। इन दोनों लड़कियों को तुरंत उनके परिजनों के पास पहुंचाना चाहिए और न्याय मिलना चाहिए।”
Mam its Pakistin internal issue and rest assure its not Modi’s India where minorities are subjugated its Imran Khan’s Naya Pak where white color of our flag is equally dearer to us.I hope you ll act with same diligence when it comes to rights of Indian Minorities https://t.co/MQC1AnnmGR
— Ch Fawad Hussain (@fawadchaudhry) March 24, 2019
इस पर तुरंत जवाब पाकिस्तान के सूचना मंत्री फ़व्वाद चौधरी का आया और उन्होंने कहा कि “यह पाकिस्तान का आंतरिक मामला है और मैं आपको यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह मोदी का इंडिया का नहीं है जहां अल्पसंख्यकों को तबाह किया जाता है, यह इमरान ख़ान का नया पाकिस्तान है जहां हमारे झंडे का सफ़ेद रंग भी उतनी ही क़ीमती हैं। उम्मीद करता हूं कि जब वहां अल्पसंख्यकों के अधिकार की बात आएगी तो आप भी उतनी ही तत्परता से कार्रवाई करेंगी।”
बीबीसी हिन्दी इनपुट के साथ