पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ ने बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में भाग लेने के बाद कहा कि उनका देश किसी भी आंतरिक या बाहरी खतरे से निपटने में पूरी तरह सक्षम है. इस बैठक में सेनाप्रमुख जनरल राहिल शरीफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर जांजुआ और विदेश सचिव ऐजाज़ चौधरी शामिल थे.
बैठक में ‘कश्मीर में कथित तौर पर मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गहरी चिंता जताते हुए भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा शक्ति के बर्बर प्रयोग की कड़ी निंदा की गई. इस दौरान नवाज़ शरीफ ने कहा, “दुनिया इस बात की गवाह है कि पाकिस्तान ने विश्व शांति के लिए जबर्दस्त कुर्बानी दी है और बहुत उकसाने के बावजूद पाकिस्तान ने बेमिसाल और अभूतपूर्व संयम बरता है…”
सिंधु जल समझौते को लेकर नवाज शरीफ ने कहा कि सिंधु जल समझौता 1960 में विश्वबैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच परस्पर सहमति से किया गया समझौता है, कोई भी देश इस करार से एकतरफा तरीके से खुद को अलग नहीं कर सकता.
शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों को नैतिक और कूटनीतिक समर्थन देना तब तक जारी रखेगा, जब तक कश्मीर की जनता की आकांक्षाओं के अनुसार कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं हो जाता.