पाकिस्तान ने पहले की OIC की आलोचना, अब सऊदी के साथ तनाव से किया इंकार

पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के संबंधों में तनाव की धारणा से इनकार किया। एक बयान जारी कर कहा गया कि दोनों देशों में ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से गहरे संबंध है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ज़ाहिद हाफ़िज़ चौधरी ने कहा, दोनों देशों में सभी स्तरों पर मजबूत आर्थिक, राजनीतिक, सुरक्षा और सैन्य सहयोग है। समय के साथ दोनों देशों के बीच संबंध बढ़ते रहे है। पाकिस्तान और सऊदी अरब ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर न केवल एक-दूसरे के साथ निकट सहयोग किया है, बल्कि जरूरत के समय हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं।

पाकिस्तान जम्मू और कश्मीर पर ओआईसी संपर्क समूह में सऊदी अरब की महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देता है। पाकिस्तान की हरमन शरीफैन की पवित्रता का बचाव करने की प्रतिबद्धता है। बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान सऊदी अरब की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए प्रतिबद्ध है।

बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने सऊदी अरब का दौरा किया। ये दौरा ऐसे समय किया गया जब कश्मीर के मुद्दे पर पाक विदेशमंत्री ने ओआईसी की आलोचना की। बीते सप्ताह पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह ने कहा, “अगर आप इस्लामिक विदेश मंत्रियों की बैठक नहीं बुला सकते हैं, तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान से उन इस्लामिक देशों की बैठक बुलाने के लिए मजबूर हो जाऊंगा जो कश्मीर के मुद्दे पर हमारे साथ खड़े होने और पीड़ित कश्मीरियों का समर्थन करने के लिए तैयार हैं।”

इस टिप्पणी के बाद खबर सामने आई कि 2018 में सऊदी अरब ने पाकिस्तान को भुगतान संकट के संतुलन में मदद करने के लिए $ 3bn ऋण और $ 3.2bn तेल ऋण सुविधा दी थी। उस पर रोक लगा दी है। ऐसे में जनरल क़मर जावेद बाजवा को सऊदी का दौरा करना पड़ा।

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