बौद्ध चरपंथियो की हिंसा के चलते एक बार फिर से हजारों रोहिंग्या मुस्लिमों ने राखिने से बांग्लादेश की और रुख किया है. इस महीने 3500 से ज्यादा रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश की सीमा पार की है.
एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के हफ्तों में कम से कम 3,500 रोहिंग्या बांग्लादेश आ चुके हैं, ऐसे में अब दोनों देशों को विभाजित करने वाले नाफ नदी के निकट कॉक्स बाजार क्षेत्र में पहले से घिरे शरणार्थी शिविरों पर और दबाव बढ़ गया है.
अकेले बलुखली शिविर में, करीब 3,000 रोहिंग्या राखिने में अपने गांव से शिविरों में पहुंचे. शिविर में रहे रहे कमल हुसैन नामक रोहिंग्या मुस्लिम ने कहा कि पिछले 11 दिनों में लगभग 700 परिवार बांग्लादेश पहुंचे थे.
ध्यान रहे 12 अगस्त को, म्यांमार के अधिकारियों ने सुरक्षा को बढ़ावा देने के नाम पर सेकड़ों सैनिकों को राखिने में भेजा है. म्यांमार के इस कदम की सयुंक्त राष्ट्र के विशेष संवाददाता यांग ली ली ने भी आलोचना की.
अक्टूबर के बाद से ही राखिने हिंसा की आग में झुलस रहा है. दरअसल अक्टूबर में कुछ युवकों ने सशस्त्र पुलिस बल पर हमला कर दिया था.