अपने तीन दिवसीय भारतीय दौरे में गुरुवार को हैदराबाद पहुंचे ईरान के राष्ट्रपति हस्सन रूहानी ने भारतीय सभ्यता की तारीफ़ की, ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने राजनीति, अर्थव्यवस्था, संस्कृति, सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, उद्योग और कृषि के क्षेत्र में भारत-ईरान संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत आये हैं, जहां उन्होंने भारतीय संस्कृति और सभ्यता की तारीफ़ की.
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहनी ने कहा कि “ईरान और भारत के सम्बन्ध विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत हैं”. मंत्री आर के सिंह और तेलांगना और आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल ने बेगमपेट हवाई अड्डे पर ईरानी राष्ट्रपति रूहानी का भव्य स्वागत किया, इस यात्रा में, राष्ट्रपति रूहानी के साथ उपराष्ट्रपति, मोहम्मद नहवादियान, विदेश मंत्री मोहम्मद जावद जारिफ, तेल मंत्री बीजन झांगनेह और कई अन्य अधिकारी शामिल हैं.
रूहानी ने कहा की “ईरान एकता, स्वंतंत्रता और पूर्व के लिए समर्थन चाहता है, ईरान, भारतियों के साथ भाई-चारा चाहता है, हम अन्य देशों के साथ भी कोई मतभेद नहीं करना चाहते हैं.”
उन्होंने कहा की “ईरानी राष्ट्रपति ने भारत की संस्कृति और परंपराओं की सराहना की और कहा कि देश धर्मों और विचारधाराओं के स्कूलों का “जीवित संग्रहालय” है, उन्होंने कहा “हम यहाँ बहुत से मन्दिर को देखते हैं, बहुत से उपासना ग्रह को देखते हैं, यहाँ शांति मिलती है.”
उन्होंने कहा की “मौजूदा सदी तक, भारतीय उपमहाद्वीप में ज्यादातर लोगों द्वारा फारसी भाषा बोली जाती थी,” उन्होंने कहा कि “ईरान और भारत के बीच मुख्य द्विपक्षीय मुद्दों में से एक पारगमन प्रणाली है जिसकी इस यात्रा के दौरान चर्चा की जायेगी.”
रुहानी ने कहा कि “ईरान के चाबहार बंदरगाह, साथ ही साथ अफगानिस्तान और मध्य एशिया के साथ संबंध, भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.” अपने इस भारतीय दौरे के दौरान, राष्ट्रपति रूहानी , जो की 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत आये हैं, हैदराबाद में ईरानी मूल के रहने वाले लोगों से भी मुलाकात करेंगे, वह हैदराबाद में ऐतिहासिक मक्का मस्जिद में एक मण्डली को संबोधित करेंगे.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को राष्ट्रपति रूहानी के लिए दोपहर के भोजन की मेजबानी करेंगे.
समझौते के आधार पर भारत ने चबहार बंदरगाह के उपकरण में 85 करोड़ डॉलर का निवेश करने का वादा किया है जो पाकिस्तान को छोड़कर देश के लिए ईरान और अफगानिस्तान के लिए पारगमन मार्ग को खोलेगा, ईरान के राष्ट्रपति ने यह भी कहा, “आतंकवाद को लेकर भारत और ईरान की चिंता समान है.”
उन्होंने कहा कि इस यात्रा में सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक समेत दो पहलू हैं. “हमारी यात्रा का पहला हिस्सा हैदराबाद के साथ शुरू होता है जिसमें हम शिया और सुन्नी विद्वानों सहित भारतीय मुस्लिमों से मिलेंगे. हम ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा करेंगे.”
राष्ट्रपति रूहानी ने कहा कि यात्रा का दूसरा हिस्सा भारतीय उच्च पद के अधिकारियों के साथ आर्थिक और राजनीतिक वार्ता के लिए ईरानी प्रतिनिधिमंडल को नई दिल्ली ले जाएगा.
उन्होंने कहा, “यात्रा के दौरान, भारत के राष्ट्रपति और प्रधान मंत्री सहित कई उच्च-स्तरीय अधिकारियों के साथ बातचीत करने के अलावा हम विभिन्न क्षेत्रों में कई समझौता ज्ञापनों पर भी हस्ताक्षर करेंगे.”