तेहरान। टॉप सैन्य कमांडर की कासिम सुलेमानी की मौत के बाद दोनों देशों के बीच धमकियों का सिलसिला जारी है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी देते हुए कहा कि अमेरिका ने ईरान के 52 ठिकानों की पहचान की है। अगर अमेरिका के खिलाफ ईरान कोई गुस्ताखी करता है तो इन ठिकानों को बर्बाद कर दिया जाएगा।
ट्रंप की इस धमकी पर ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जवाब दिया है। रुहानी ने कहा कि जो 52 ठिकानों की सूची दिखा रहे हैं, उन्हें अपने 290 ठिकानों को भी याद रखना चाहिए। राष्ट्रपति हसन रुहानी ने कहा कि हमने 1988 में अमेरिकी हमले में 290 लोगों को खोया था और ईरान अमेरिका के 290 ठिकानों पर हमला करेगा।
Those who refer to the number 52 should also remember the number 290. #IR655
Never threaten the Iranian nation.— Hassan Rouhani (@HassanRouhani) January 6, 2020
हसन रूहानी ने ट्विटर पर लिखा, ”वो जो 52 नंबर बताते हैं उनको 290 नंबर भी याद रखना चाहिए। #IR655. ईरान को कभी धमकी ना दें।” बता दें कि साल 1988 में अमेरिकी युद्ध पोत ने ईरान के एक पैसेंजर प्लेन को निशाना बनाया था जिसमें 290 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसके लिए माफी मांगी थी। वहीं ईरान ने साल 1979 में तेहरान में अमेरिकी दूतावास के अंदर 52 अमेरिकी नागरिकों को एक साल तक बंधक बना लिया था।
….targeted 52 Iranian sites (representing the 52 American hostages taken by Iran many years ago), some at a very high level & important to Iran & the Iranian culture, and those targets, and Iran itself, WILL BE HIT VERY FAST AND VERY HARD. The USA wants no more threats!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 4, 2020
संयुक्त राष्ट्र ने की संयम बरतने की अपील
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने बढ़ते वैश्विक तनाव को लेकर सोमवार को गहरी चिंता जाहिर की और अमेरिका और ईरान में बढ़ते तनाव को देखते हुए “अत्यधिक संयम’’ बरतने की अपील की। गुतारेस ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संक्षिप्त टिप्पणी में कहा, “नव वर्ष का आगाज हमारी दुनिया में खलबली के साथ हुआ है।” उन्होंने कहा, “हम खतरनाक वक्त से गुजर रहे हैं। इस सदी में भूराजनीतिक तनाव उच्चतम स्तर पर हैं। और यह अशांति बढ़ती जा रही है.”