अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वीजा नीति का दुनिया भर में चौतरफा विरोध हो रहा है. सीरिया समेत 7 मुस्लिम देशों के नागरिकों के अमेरिका में प्रवेश पर रोक लगाने के आदेश जारी करने को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस फैसले का विरोध होने के साथ अब अमेरिका में लोग इसके खिलाफ सड़कों पर उतरने लगे हैं.
अमेरिका के करीबी सहयोगी यूरोपीय यूनियन ने ट्रंप सरकार के इस फैसले की निंदा की है. वहीं, कनाडा ने शरणार्थियों को आश्रय देने का ऐलान किया है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्वीट किया, ‘दमन, आतंकवाद और युद्ध की वजह से पलायन करने वालों का कनाडावासी बिना किसी भेदभाव के स्वागत करेंगे, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो. विविधता हमारी ताकत है.’
To those fleeing persecution, terror & war, Canadians will welcome you, regardless of your faith. Diversity is our strength #WelcomeToCanada
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) January 28, 2017
जर्मन चांसलर एंजेला मोर्कल ने भी ट्रंप के इस ऐलान पर चिंता जाहिर की है. मोर्कल ने कहा है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई जरूरी है, लेकिन इसके लिए किसी खास समुदाय और देश को बैन करना ठीक नहीं है. इसके अलावा ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टरीसा ने कहा कि हम इस तरह के नज़रिए (ट्रंप के नजरिए) से सहमत नहीं हैं और अगर ब्रिटेन के नागरिकों पर इसका कोई असर पड़ता है तो साफ तौर पर हम अमेरिकी सरकार से उस बारे में बात करेंगे.
गूगल के भारतीय मूल के सीईओ सुंदर पिचाई और फेसबुक के सीईओ मार्क जकरबर्ग ने भी ट्रंप सरकार के फैसले की आलोचना की है. पिचाई ने इसे ‘दुखद’ निर्णय बताते हुए कहा कि इससे गूगल के कम से कम 187 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा. माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय-अमेरिकी सीईओ सत्य नडेला ने लिंक्डइन पर एक नोट पोस्ट करते हुये कहा, ‘कंपनी इस महत्वपूर्ण विषय पर समर्थन करती रहेगी.’ कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘हम सूची में शामिल देशों के हमारे कर्मचारियों पर शासकीय आदेश के असर के बारे में चिंताओं को साझा करते हैं, ये सभी कानूनी तरीके से अमेरिका में रहते रहे हैं और हम उन्हें कानूनी सलाह और सहायता देने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.’ कंपनी ने कहा कि उसे प्रतिबंधित सात देशों के 76 कर्मचारियों की जानकारी है.
My great grandparents came from Germany, Austria and Poland. Priscilla's parents were refugees from China and Vietnam….
Mark Zuckerberg ಅವರಿಂದ ಈ ದಿನದಂದು ಪೋಸ್ಟ್ ಮಾಡಲಾಗಿದೆ ಶುಕ್ರವಾರ, ಜನವರಿ 27, 2017
वहीँ जकरबर्ग ने भी इस फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि अमेरिका प्रवासियों का देश है और उसे इस पर गर्व करना चाहिये. जकरबर्ग ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘आपकी तरह, मैं भी राष्ट्रपति ट्रंप के हाल ही के शासकीय आदेश से पड़ने वाले असर को लेकर चिंतित हूं.’ इसके अलावा ट्विटर ने भी ट्वीट कर प्रवासियों के प्रति अपना समर्थन जताया है. ट्विटर ने अपने आफिशल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ‘ट्विटर सभी धर्मों के प्रवासियों से बना है। हम उनके साथ हमेशा खड़े हैं.’
Twitter is built by immigrants of all religions. We stand for and with them, always.
— Twitter (@Twitter) January 29, 2017