विवादित सलाफी प्रचारक जाकिर नाईक को मलेशिया में बड़ी राहत मिली है. उच्च न्यायालय ने जाकिर नाईक को देश निकाले जाने के लिए दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया है.
ध्यान रहे हिंदुस्था ग्रुप ने जाकिर नाइक को देश में आश्रय देने और स्थायी निवासी (पीआर) का दर्जा देने के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. जिसे न्यायमूर्ति डाटिन अजीज़ह नवावी ने यह करते हुए खारिज कर दिया कि सरकार के साथ इस मुकदमे में एक पार्टी के रूप में नाइक का नाम देना चाहिए था.
न्यायाधीश ने कहा कि जाकिर को शामिल करना जरूरी है क्योंकि इस मामले में किसी भी फैसले का “उसके जीवन पर तत्काल प्रभाव पड़ता है.” यही कारण है कि मुकदमा ख़ारिज कर दिया गया. साथ ही याचिकाकर्ता पर 5000 RM का जुर्माना भी लगाया गया.

मलय अधिकार समूह पेर्कासा प्रमुख दातुक इब्राहिम अली ने कहा आज का निर्णय साबित करता है कि डॉ जाकिर एक “विश्व स्तर के उपदेशक” और “स्वच्छ” है. डॉ जाकिर के खिलाफ आरोप सच नहीं हैं. उनके खिलाफ धारणा कुछ पार्टियों द्वारा अपने स्वयं के एजेंडे के लिए बनाई गई है.
इब्राहिम ने कहा, “इसलिए मैं इस फैसले से आशा करता हूं कि डॉ जाकिर अब स्वतंत्र रूप से कोई भी ले सकते हैं, उनके उपदेश दे सकते हैं.” हालांकि कार्तिगेसन ने कहा कि समूह फैसले के खिलाफ अपील करेगा.