शांति का नोबेल जीतने वाली पाकिस्तानी शिक्षा अधिकार कार्यकर्ता मलाला युसुफजई ने गुरुवार को कश्मीर मुद्दे पर बयान जारी किया है। ट्विटर पर भारत और पाकिस्तान का नाम लिखे बिना कहा कि 7 दशक से चली आ रही कश्मीर समस्या का समाधान संबंधित पक्षों को शांतिपूर्ण तरीके से ढूंढ़ना चाहिए।
मलाला ने कहा कि वह कश्मीरी बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हैं। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसले पर मलाला ने दक्षिण एशिया के सभी देशों से शांति बनाए रखने की अपील की।
मलाला ने ट्वीट किया कि जब मैं बच्ची थी, जब मेरी मां और मेरे पिता बच्चे थे, जब मेरे दादा-दादी, नाना-नानी युवा थे, कश्मीर के लोग तभी से संघर्ष की स्थिति में जी रहे हैं। सबसे कम उम्र में नोबेल पुरस्कार पाने वाली मलाला (22) ने कहा कि वे कश्मीर की फिक्र करती हैं, क्योंकि दक्षिण एशिया मेरा घर है, एक ऐसा घर जिसे मैं कश्मीरियों समेत 1.8 अरब लोगों के साथ साझा करती हूं।
The people of Kashmir have lived in conflict since I was a child, since my mother and father were children, since my grandparents were young. pic.twitter.com/Qdq0j2hyN9
— Malala (@Malala) August 8, 2019
मलाला ने कहा कि यह क्षेत्र विभिन्न संस्कृतियों, धर्मों, भाषाओं, व्यंजनों और परंपराओं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हम सभी शांति के साथ रह सकते हैं और इस बात की कोई आवश्यकता नहीं है कि हम पीड़ा सहें और एक-दूसरे को नुकसान पहुंचाएं।
उन्होंने कहा कि उन्हें कश्मीर में मुख्य रूप से महिलाओं और बच्चों की चिंता है, क्योंकि उन्हें हिंसा का आसानी से शिकार बनाया जा सकता है और इस संघर्ष में उन्हें ही सर्वाधिक नुकसान होने की आशंका है।
उन्होंने सभी दक्षिण एशियाई देशों, अंतरराष्ट्रीय समुदाय और प्राधिकारियों से उनकी पीड़ा पर प्रतिक्रिया देने की अपील की। मलाला ने कहा कि हमारे बीच कोई भी मतभेद क्यों न हो, हमें कश्मीर में 7 दशक पुराने संघर्ष को शांतिपूर्वक सुलझाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
लड़के/लड़कियों के फोटो देखकर पसंद करें फिर अपना जीवन साथी चुने (फ्री)- क्लिक करें