श्रीलंका: सांप्रदायिक हिंसा के बाद पीएम विक्रमसिंघे से छिना गया कानून मंत्रालय

ranil wickramasinghe

श्रीलंका में सांप्रदायिक हिंसा के चलते 10 दिनों के आपातकाल की घोषणा की गई है. ये आपातकाल देश में लगातार अल्प्संखयक मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाए जाने के बाद लगाया गया.

इसी बीच विक्रमसिंघे की यूनाइटेड नेशनल पार्टी( यूएनपी) के वरिष्ठ सदस्य रंजीत मद्दुमा बंडारा को कानून मंत्री का पदभार सौंपा गया है. बता दें कि श्रीलंका की पुलिस कानून मंत्रालय के तहत आती है. हालांकि इससे पहले कानून मंत्रालय खुद पीएम विक्रमसिंघे के अधीन था.

फिलहाल सरकार ने कल इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी और दंगा प्रभावित क्षेत्रों में व्हाट्सऐप जैसे संदेश भेजने वाली वेबसाइटों को बंद कर दिया था. सरकारी सूचना महानिदेशक सुदर्शन गुणवर्धन ने एक बयान में कहा, ‘लोगों की ओर से भोजन और अन्य वस्तुओं की खरीद सहित अन्य जरूरी कामों के लिए कर्फ्यू में ढील गई है.

श्रीलंका में आपातकाल

पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि दंगा फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीँ प्रेसिडेंट मैत्रिपाला श्रीसेना ने कहा, ‘ऐसे आरोप लगाए जा रहे हैं कि तनाव पर काबू पाने के लिए कानून को सही ढंग से लागू नहीं किया गया है. अब पुलिस और सेना को सुरक्षा के लिहाज से इलाके में भेज दिया गया है.’

मुस्लिमों के खिलाफ बौद्ध संगठन बोदू बाला सेना (BBS) को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. कांडी जिले में हुई हिंसा में तीन लोग मारे गए हैं. बहुसंख्यक सिंहला भीड़ मुसलमानों के उद्योगों और धार्मिक स्थलों को निशाना बना रही है.

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