तुर्की के इंस्ताबुल स्थित सऊदी के वाणिज्यिक दूतावास में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी के बेटों ने पिता के पार्थिव शरीर को लौटाने को लेकर भावुक अपील की।
सलाह और अब्दुल्ला खशोगी ने अपने पिता को साहसी, बहादुर और उदार कहते हुए रविवार रात को सीएनएन को बताया कि उनके गायब होने व उनकी मौत के बाद उन्होंने कई सप्ताह तक बेहद पीड़ा और अनिश्चितता का सामना किया।
33 वर्षीय अब्दुल्ला खशोगी ने अपने भाई सलाह (35) के साक्षात्कार के दौरान समाचार चैनल को बताया, मुझे उम्मीद है कि जो भी हुआ वह उनके लिए दर्दनाक नहीं था या यह जल्दी में हुआ या फिर उनकी शांतिपूर्ण मौत हुई। भाइयों ने कहा कि पिता के शरीर के बिना उनका परिवार शोक करने में असमर्थ है।
सलाह ने कहा, “हम बस उन्हें अपने परिवार के बाकी सदस्यों के साथ मदीना (सऊदी अरब) में अल-बाकी (कब्रिस्तान) में दफनाना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “मैंने सऊदी अधिकारियों के साथ इस बारे में बात की है और बस उम्मीद करता हूं कि यह जल्द ही होगा।”
Part CNN exclusive interview Khashoggi sons pic.twitter.com/9IWhEXoGB5
— Mounir Bassy (@mounirbassy) November 5, 2018
दूसरी और जांच एजेंसियों के अधिकारी खशोगी की मौ’त को लेकर कोई पुख्ता सबूत हासिल नहीं कर पाए हैं। हालांकि, इसी बीच तुर्की के सरकारी अखबार ‘सबाह’ ने रिपोर्ट में दावा किया है कि सऊदी दूतावास में खशोगी की ह’त्या के बाद उनके शव के टुकड़े 5 सूटकेसों में भरकर दूतावास के बाहर पहुंचाए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन सूटकेसों को काफी समय के लिए दूतावास के पास ही स्थित राजदूत के घर में रखा गया। इससे पहले तुर्की के एक वरिष्ठ अधिकारी यासिन आकताय ने आशंका जताई थी कि खशोगी के शव के टुकड़े कर उन्हें तेज़ाब में डाल दिया गया। आकताय का कहना था कि हत्यारों ने ऐसा इसलिए किया ताकि खशोगी से जुड़ा कोई भी सुराग बाकी न रह जाए।