57 इस्लामिक देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) के महासचिव इयाद अमीन मदनी ने कहा है कि कश्मीर भारत का आंतरिक मामला नहीं है.
मुस्लिम देशों के सबसे बड़े संगठन ने कश्मीर में कथित रूप से मानवाधिकारों के उल्लंघन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन उसका आंतरिक मामला नहीं है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफ़ीस ज़करिया ने अपने ट्वीटर संदेश में बताया कि ओआईसी के सेक्रेटरी जनरल ने कहा है कि ‘कश्मीर इंडिया का अंदरुनी मामला नहीं है बल्कि मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन का अंतरराष्ट्रीय मसला है.’
इस्लामाबाद में प्रेस कांफ्रेस के दौरान अयाद अमीन ने कश्मीर के मामले में वहां के शहरियों के ख़ुद फ़ैसले लेने का पूरी हिमायत करने का भी एलान किया और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के मुताबिक़ इसके हल पर ज़ोर दिया.
मदनी के साथ प्रेस कांफ्रेस में विदेश मामलों पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के सलाहकार सरताज अज़ीज़ भी मौजूद थे. मदनी ने कहा कि कश्मीर में स्थिति लगातार खराब हो रही है और इस पर इंटनैशनल कम्युनिटी को ध्यान देना चाहिए.
मदनी ने आगे कहा कि इंटरनैशनल कम्युनिटी को भारत प्रशासित कश्मीर में क्रूरता का खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से भारत की कठोरता के खिलाफ बहुत कम आवाज सामने आ रही है.
ओआईसी के महासचिव मदनी ने कहा, ‘कश्मीर की स्थिति जनंमत संग्रह की ओर बढ़ रही है. किसी को भी जनमत संग्रह से नहीं डरना चाहिए और यूनाइटेड नेशन के प्रस्तावों के मुताबिक कश्मीर के लोगों की आकांक्षा पूरी होनी चाहिए. कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन भारत का आंतरिक मुद्दा नहीं है.’
मदनी ने कहा कि ओआईसी कश्मीर के मुद्दे को सुलझाने को लेकर उत्सुक है और वह पाकिस्तान का समर्थन करता है. उन्होंने कहा कि ओआईसी कश्मीर पर एक स्पेशल अडवाइजर और एक संपर्क ग्रुप तैयार कर रहा है. यह ग्रुप अमेरिका में यूएन जनरल असेंबली सेशन में कश्मीर का मुद्दा उठाएगा.
मदनी ने कहा कि कश्मीर पर स्टेटमेंट जारी करना ही काफी नहीं है बल्कि राजनीतिक स्तर पर इसका समाधान खोजा जाना चाहिए. मदनी ने कहा, ‘उम्मीद है कि ओआईसी का अगला सेशन पाकिस्तान में आयोजित होगा. पाकिस्तान ने ओआईसी के कई ऐतिहासिक सेशन की मेजबानी की है.’