इस्राईली अधिकारीयों ने 2014 में हुए ग़ज़्ज़ा युद्ध में हमास से हुई अपनी हार को स्वीकार करते हुए कहा कि इस युद्ध में इस्राईल को कोई ख़ास सफलता नहीं मिली थी. इस्राईली सुरक्षा अधिकारियों ने ग़ज़्ज़ा युद्ध आरंभ होे से कुछ महीने पहले ही सचेत किया था कि ग़ज़्ज़ा पर हमले के लिए इस्राईली सेना तैयार नहीं हैं.
इस्राईल की इंटेलिजेंस की रिपोर्ट के अनुसार, पहले ही इस बात की घोषणा हो चुकी थी कि अगर इस्राईल की सेना ने ग़ज़्ज़ा पर हमला कर दिया तो तो उसे कोई सफलता नहीं मिलेगी क्योंकि सेना में मौजूद सूचना और युद्ध के लक्ष्यों के मध्य बहुत अधिक मतभेद है.
इसके अलावा इस्राईल ने हमास की सुरंगों और ग़ज़्ज़ा पट्टी के बारे में अधिक सूचनाएं प्राप्त नहीं की थीं और इस संबंध में रिपोर्टें भी सैन्य कमान्डरों और अधिकारियों को नहीं दी गयीं किन्तु इन समस्त चेतावनियों के बावजूद सेना ने ग़ज़्ज़ा पर हमले आरंभ कर दिए.
इस्राईल की फ़्यूचर पार्टी के प्रमुख याइर लाबीद ने इस युद्ध के बारें में कहा था कि इस्राईल को ग़ज़्ज़ा युद्ध के दौरान फ़िलिस्तीनी गुटों को कमज़ोर या समाप्त करने सहित कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ. उन्होंने ज़ायोनी प्रधानमंत्री बिनयामीन नितिनयाहू से मांग की थी कि वह ग़ज़्ज़ा युद्ध के दौरान अपनी ग़लतियों को स्वीकार करें.