इजराइल के संसद में 12 साल के फिलिस्तीनी बच्चों को जेल में डालने वालें कानून को मंजूरी दे दी हैं. इस कानून के जरिये अब फिलिस्तीन के बच्चों का ठिकाना स्कूल न होकर इसरायली ज़ेल होंगी.
इजरायली संसद ने इस कानून को ‘युवा बिल’ का नाम देते हुए मंगलवार की रात दूसरे और तीसरे साक्षरता में मंजूरी दे दी हैं. इसके तहत चौदह वर्ष से कम उम्र लड़कों और लड़कियों को भी हत्या और हत्या जेसे गंभीर अपराधों में शामिल होने के आरोप में जेल की सजा सुनाई जा सकेगी.
इस विधेयक के प्रोत्साहक प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू की पार्टी लिकोड पार्टी से संबंधित सांसद अनात बरको हैं. उनका कहना है कि ”यह विधेयक उनके लिए है जो चाकू दिल में घुसेड़ कर हत्या करते हैं और इससे फर्क नहीं पड़ता है कि हमलावर बच्चा है और उसकी उम्र बारह या पंद्रह साल है.”
इस्राइल के मानवाधिकार के एक संगठन बी मान्यता ने इस बिल और फिलीस्तीनी युवकों से इस्राइल के व्यवहार की आलोचना करते हुए बयान जारी कर कहा कि इसराइल उन्हें स्कूलों में भेजने के बजाय जेलों में डाल रहा है. स्कूलों में वे गरिमा और स्वतंत्रता के साथ पल बढ़ सकते थे. किशोरों को कैद करने से उनके लिए बेहतर भविष्य की संभावनाओं से इनकार किया जा रहा है.