ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने आतंक को इस्लाम धर्म से जोड़े जाने की आलोचना करते हुए कहा कि हिंसा के साथ इस्लाम को जोडऩा गलत है और सामाजिक अन्याय तथा पैसा आतंकवाद का प्रमुख कारण है।
फ्रांसिस ने कहा कि मुझे लगता है कि हिंसा के साथ आतंकवाद को पहचानना सही नहीं है। सभी धर्मों में कुछ शरारती समूह होते हैं। मैं इस्लामिक हिंसा के ऊपर बात नहीं करना चाहता क्योंकि रोजाना जब मैं अखबार पढ़ता हू तो देखता हूं कि इटली में कोई अपनी प्रमेका की हत्या कर रहा है तो कोई अपनी सास की हत्या कर रहा है। यदि हम इस्लामिक हिंसा की बात करते हैं तो ईसाई हिंसा की भी बात करनी होगी।
उन्होंने आतंकवाद के बारें में कहा कि आतंकवाद के कई कारण है, मझे पता है यह कहना थोड़ा कठिन होगा लेकिन आतंकवाद तभी पनपता है जब उनके पास पैसा कमाने का और कोई विकल्प नहीं बचता। आर्थिक विकल्पों के अभाव के कारण हमें यह सब देखने को मिलता है। हमें इस पर बात करना होगी।