इराक़ के प्रधानमंत्री हैदर-अल-अबादी ने शनिवार को देश की संसद में घुस कर सुरक्षाकर्मियों और सांसदों पर हमला करने वाले शिया प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने कहा है कि जिन लोगों ने पुलिस पर ‘हमला किया और सार्वजनिक संपत्ति को नुक़सान पहुंचाया, उन्हें गिरफ्तार किया जाए.’
बगदाद में संसद के बाहर ग्रीन ज़ोन में अभी भी सैंकड़ों प्रदर्शनकारी मोजूद हैं. ज्यादातर प्रदर्शनकारी शिया मौलवी मुक़्तदा अल सद्र समर्थक हैं. जो बड़े पैमाने पर हो रहे कथित भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए राजनीतिक सुधारों को संसद की मंज़ूरी न मिलने से नाराज़ हैं.
मौलवी मुक़्तदा अल सद्र के समर्थक पिछले एक हफ़्ते से चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान शनिवार को पहली बार ग्रीन ज़ोन, दूतावासों और सरकारी इमारतों में घुसे थे. जिसके बाद बग़दाद में इमरजेंसी लगा दी गई थी. मुक़्तदा अल सद्र की मांग हैं कि प्रधानमंत्री हैदर अल अबादी मौजूदा मंत्रियों को हटाकर उनकी जगह निष्पक्ष, किसी भी गुट से संबंध न रखने वाले तकनीकविदों को मंत्रिमंडल में शामिल करें. इस मांग को मौजूदा पार्टियों ने मानने से इनकार कर दिया है.
इराक़ी शिया मौलवी मोक़्तदा सद्र अमरीका विरोधी रहे हैं और उन्होंने मेहदी सेना के नाम से अपना अलग लश्कर बनाया थी. 2003 में इराक़ पर अमरीका की अगुआई में हुए हमले के बाद से मेहदी सेना की अमरीकी और इराक़ी सेनाओं के साथ कई बार झड़प भी हुई थी.
इसके बाद साल 2007-2008 के क़रीब तीन साल वे निर्वासन में ईरान में रहे और 2011 में इराक़ी शहर नजफ़ लौट आए थे.