इज़राइल और बहरीन के बीच रिश्तों को सामान्य बनाने को लेकर हुई डील पर ईरान की संसद के स्पीकर के अंतरराष्ट्रीय मामलों पर एक विशेष सलाहकार ने कहा कि यूएई के बाद अब बहरीन ने बड़ा धोखा दिया है।
होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन ने ट्वीट किया, “संयुक्त अरब अमीरात में प्रतिवादी नेताओं, # बहरीन को ज़ायोनी योजनाओं का मार्ग नहीं प्रशस्त करना चाहिए। उन्हें इतिहास से सबक सीखना चाहिए। कल देर हो गई! अमेरिकी जीवन रेखा वर्षों से खराब हो गई है।”
Bahraini regime's compromise w/ #Israel is a great betrayal to the Islamic cause & Palestinians. The imprudent leaders in UAE, #Bahrain must not pave the way for the Zionist schemes. They should learn lessons from history. Tomorrow is late! The US lifeline has worn out for years. pic.twitter.com/4QAkWpx3us
— H.amirabdollahian (@Amirabdolahian) September 11, 2020
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने घोषणा कर कहा है कि 30 दिन के भीतर इस्राइल के साथ शांति समझौता करने वाला दूसरा अरब देश। एक और ऐतिहासिक सफलता। हमारे दो महान दोस्त शांति समझौते के लिए सहमत हैं। ट्रंप ने संवाददाताओं को बताया कि शांति और सहयोग की भावना से प्रेरित होकर नेतन्याहू और अल खलीफा इस पर सहमत हुए हैं कि बहरीन इजराइल के साथ अपने राजनयिक संबंधों को पूरी तरह सामान्य करेगा।
Joint Statement of the United States, the Kingdom of Bahrain, and the State of Israel pic.twitter.com/xMquRkGtpM
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 11, 2020
30 दिन के भीतर इस्राइल के साथ शांति समझौता करने वाला दूसरा अरब देश। एक और ऐतिहासिक सफलता। हमारे दो महान दोस्त शांति समझौते के लिए सहमत हैं। ट्रंप ने संवाददाताओं को बताया कि शांति और सहयोग की भावना से प्रेरित होकर नेतन्याहू और अल खलीफा इस पर सहमत हुए हैं कि बहरीन इजराइल के साथ अपने राजनयिक संबंधों को पूरी तरह सामान्य करेगा।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प की पहल पर यूएई के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद की अध्यक्षता में 13 अगस्त 2020 को यूएई और इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंधों की स्थापना की घोषणा हुई थी। यूएई और इजरायल के बीच राजनयिक कदम पर आधिकारिक तौर पर टिप्पणी करने वाला बहरीन पहला खाड़ी देश था।