पुतिन चौथी बार बनेंगे रूस के राष्ट्रपति, 76 फीसदी वोट के साथ हासिल की जीत

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दुनिया के सबसे बड़े देश रूस की कमान एक बार फिर व्‍लादिमीर पुतिन के हाथ में आ गई है. पुतिन को 76.67 प्रतिशत से ज़्यादा वोट हासिल हुए है. यह पुतिन की अब तक की सबसे बड़ी जीत है.

65 वर्षीय पुतिन का बतौर रूसी राष्‍ट्रपति यह चौथा कार्यकाल होगा. वह 2024 तक सत्‍ता पर काबिज रहेंगे. हालांकि विपक्षी पार्टी चुनाव में धांधली के आरोप लगा रही है. पुतिन के करीबी प्रतिद्वंद्वी कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार पॉवेल ग्रूदिनिन को लगभग 12 प्रतिशत वोट ही मिले है.

रूस के संविधान के मुताबिक, कोई भी शख्स दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता. इसलिए 2008 में पुतिन राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ सके. ऐसे में पुतिन प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े हुए और जीत हासिल की. प्रधानमंत्री रहते पुतिन ने दोबारा राष्ट्रपति बनने की इच्छा जताई. फिर रूस के संविधान में संशोधन किया गया. मतलब दो बार राष्ट्रपति बनने की लिमिट खत्म हो गई. साथ ही राष्ट्रपति के कार्यकाल को भी 4 साल से बढ़ाकर 6 साल कर दिया गया. पुतिन ने 2012 में तीसरी बार राष्ट्रपति का चुनाव लड़ा और जीत भी गए.

व्‍लादिमीर पुतिन पहली बार वर्ष 2000 में रूस के राष्‍ट्रपति बने. पुतिन ने पहली बार सात मई, 2000 को राष्‍ट्रपति पद संभाला. उनके चार-चार साल के दो कार्यकाल मई 2008 में समाप्‍त हुए. इसके बाद वह 8 मई, 2008 को रूस के प्रधानमंत्री बने. वह 2012 में राष्‍ट्रपति बनने से पहले तक प्रधानमंत्री रहे. इससे पहले भी वह 1999 से 2000 तक प्रधानमंत्री रह चुके थे. पुतिन का जन्‍म 7 अक्‍टूबर, 1952 को हुआ था.

शुरुआती रुझान सामने आने के बाद मॉस्को में एक रैली को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा कि मतदाताओं ने उनके कामों पर मुहर लगा दी है. पुतिन के चुनावी अभियान से जुड़े लोगों ने इस जीत को बेमिसाल बताया है. उनके अभियान से जुड़े एक प्रवक्ता ने कहा कि इस जीत के बाद पुतिन के लिए भविष्य के फैसले लेना और आसान हो जाएगा.

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