रोहिंग्या संकट के बीच म्यांमार के राष्ट्रपति हतिन चॉ ने दिया इस्तीफा

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यंगून: म्यांमार के राष्ट्रपति और आंग सान सू ची के राईट हैण्ड माने जाने वाले हूतिन चॉ ने बुधवार को इस्तीफा दे दिया. ये इस्तीफा ऐसे समय में दिया गया है. जब दुनिया भर में रोहिंग्या संकट को लेकर म्यांमार सभी के निशाने पर है.
हूतिन चॉ ने पिछले दो साल से राष्ट्रपति के पद पर आसीन थे. उनके कार्यालय ने यह जानकारी दी. राष्‍ट्रपति के आधिकारिक फेसबुक पेज पर जारी बयान में इसकी पुष्टि की गई.
पोस्ट के मुताबिक, ‘म्‍यांमार के राष्‍ट्रपति यू हटिन क्‍याव ने 21 मार्च, 2018 को अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया. नए नेता का चुनाव सात कामकाजी दिनों के भीतर किया जाएगा.’ उनके इस्‍तीफे के बाद उपराष्‍ट्रपति मिंत स्‍वे नए राष्‍ट्रपति के चयन तक इस पद की जिम्‍मेदारी संभालेंगे.
राष्‍ट्रपति के तौर पर हटिन क्‍याव के इस्‍तीफा देने के कारणों का हालांकि बयान में जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन बताया जाता है कि वह म्‍यांमार के रखाइन प्रांत में पैदा हुए संकट को लेकर दुखी थे. हालांकि कुछ लोग इसकी वजह 71 वर्षीय क्‍याव के स्‍वास्‍थ्‍य में गिरावट को भी बता रहे हैं.
हटिन क्‍याव 2016 में म्‍यांमार में दशकों का सैन्‍य शासन खत्‍म होने के बाद राष्‍ट्रपति बने थे. चुनाव में सू की की पार्टी को भारी बहुमत मिला था, जिसके बाद क्‍याव राष्‍ट्रपति बने थे. दरअसल, देश का संविधान किसी भी ऐसे शख्‍स को राष्‍ट्रपति बनने से रोकता है, जिसके किसी विदेशी नागरिक से बच्‍चे हों. सू की के पति ब्रिटिश नागरिक थे और उनके उनसे दो बच्‍चे हैं.
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