भारत के विभिन्न बैंकों के हजारों करोड़ रूपये लोन के तौर पर लेकर देश छोड़ फरार हुए विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई कर रही ब्रिटेन की एक अदालत ने कहा कि माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस को कर्ज देने में कुछ भारतीय बैंक नियमों को तोडा है.
दन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की न्यायाधीश एम्मा आर्बथनॉट ने पूरे मामले को ‘खांचे जोड़ने वाली पहेली’ (जिग्सॉ पज़ल) की तरह बताया जिसमें ‘भारी तादाद’ में सबूतों को आपस में जोड़कर तस्वीर बनानी होगी. उन्होंने कहा कि अब वह इसे कुछ महीने पहले की तुलना में ‘ज्यादा स्पष्ट’ तौर पर देख पा रही हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यह साफ है कि बैंकों ने (कर्ज मंजूर करने में) अपने ही दिशानिर्देशों की अवहेलना की.’’
एम्मा ने भारतीय अधिकारियों को इस मामले में शामिल कुछ बैंक कर्मियों पर लगे आरोपों को समझाने के लिए ‘आमंत्रित’ किया और कहा कि यह बात माल्या के खिलाफ ‘षड्यंत्र’ के आरोप की दृष्टि से महत्वपूर्ण है.
#VijayMallya produced before London's Westminster Magistrates Court for hearing in connection with extradition case against him, yesterday, according to London Time pic.twitter.com/ELfDGGOAPN
— ANI (@ANI) March 17, 2018
उल्लेखनीय है कि 62 वर्षीय माल्या के खिलाफ इस अदालत में सुनवाई चल रही है कि क्या उन्हें प्रत्यर्पित कर भारत भेजा जा सकता है या नहीं, ताकि उनके खिलाफ वहां की अदालत बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई कर सके. उनके खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है.
बता दें कि माल्या दो अप्रैल तक जमानत पर बाहर हैं. हालांकि वह शुक्रवार को अदालत में पेश होने के लिए बाध्य नहीं थे, फिर भी वह अदालत में पेश हुए.