नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने दुनिया भर में इस्लाम को निशाना बनये जाने पर कहा कि इस्लाम इंसानियत और अमन का संदेश देता है.
जॉर्डन में आयोजित ‘लॉरेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रन’ शिखर बैठक के दौरान मंगलवार को सत्यार्थी ने कहा, ‘इस्लाम तो मानवता, त्याग और शांति सिखाता है. लेकिन चंद लोग हैं जो आतंकवाद और दूसरी गतिविधियों के जरिए इसे बदनाम कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि इस क्षेत्र (पश्चिम एशिया) में 99 फीसदी से भी ज्यादा मुसलमान अमनपसंद हैं. मैं यह कहना चाहता हूं कि उनके चुप रहने से काम नहीं चलेगा. उन्हें आगे आना होगा और आवाज उठानी होगी. मुख्य रूप से धर्मगुरुओं को इसमें प्रमुख भूमिका अदा करनी होगी.’
We have gathered in Jordan, in this sacred land, in presence of HM @KingAbdullahII to globalise compassion for children. The world can learn from Jordan that the literal meaning of Islam is peace & the religion stands for humanity, equality & justice. #EveryChildMatters pic.twitter.com/pr0H46WAaJ
— Kailash Satyarthi (@k_satyarthi) March 26, 2018
इस दौरान सत्यार्थी ने बड़ी संख्या में शरणार्थियों को पनाह देने और उदारवादी रुख रखने के लिए जॉर्डन की प्रशंसा की. सत्यार्थी ने कहा, ‘पूरी दुनिया को जॉर्डन से इस्लाम की सीख लेनी चाहिये. जॉर्डन अपने किरदार के जरिए यह बखूबी दिखा रहा है कि इस्लाम क्या है.’
जॉर्डन के डेड सी के किनारे के किंग हुसैन बिन तलाल कन्वेंशन सेंटर में हुई दो दिन (26-27 मार्च) के ‘लॉरेट्स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रन’ शिखर बैठक में जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला भी शामिल हुए.