ईरान के विदेश मंत्री जवाद जरीफ द्वारा दिल्ली दंगों को मुस्लिमों के खिलाफ संगठित हिंसा करार देने को लेकर भारत ने मंगलवार को ईरान के राजदूत अली चेगेनी को तलब किया और ईरान के विदेश मंत्री जवाद जाफरी द्वारा की गई टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक ईरान के राजदूत को यह बताया गया कि जाफरी ने जिस मामले पर टिप्पणी की, वह पूरी तरह से भारत का आतंरिक मामला है। बता दें कि ईरानी विदेश मंत्री ने भारतीय अधिकारियों से आग्रह किया था कि वे सभी भारतीयों की सलामती सुनिश्चित करें और निर्रथक हिंसा को फैलने से रोकें।
Iran condemns the wave of organized violence against Indian Muslims.
For centuries, Iran has been a friend of India. We urge Indian authorities to ensure the wellbeing of ALL Indians & not let senseless thuggery prevail.
Path forward lies in peaceful dialogue and rule of law.
— Javad Zarif (@JZarif) March 2, 2020
उन्होने अपने ट्वीट में लिखा था, सदियों से ईरान भारत का दोस्त रहा है। हम भारतीय अधिकारियों से आग्रह करते हैं कि वे सभी भारतीयों का ख़्याल रखें और उनके साथ कोई अन्याय ना होने दें। शांतिपूर्ण संवाद और क़ानून के शासन में ही आगे का रास्ता निहित है।
इससे पहले तुर्की, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और अमरीका के राजनेताओं की ओर से भी दिल्ली में हुई हिंसा पर टिप्पणी की गई थी। इसके अलावा सयुंक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) और अमेरिकी आयोग भी हिंसा को लेकर कड़े बयान जारी कर चुके है।
हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा था कि एजेंसियां हिंसा को रोकने और परिस्थितियों को सामान्य बनाने के काम में लगी हुई हैं। कुमार ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इस संवेदनशील समय के दौरान गैर जिम्मेदाराना बयान न देने की अपील की थी।