पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ के चीफ इमरान खान ने 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने ऐवान-ए-सद्र (राष्ट्रपति भवन) में उन्हें शपथ दिलाई। पूर्व क्रिकेटर को देश की नव-निर्वाचित संसद ने कल ही अपना नया प्रधानमंत्री चुना है।
नेशनल असेंबली के स्पीकर असद कैसर ने ऐलान किया कि 65 वर्षीय इमरान (तहरीक-ए-इंसाफ) को 176 वोट मिले जबकि शहबाज शरीफ (PML-N) को 96 वोट मिले। इमरान जादुई आकंड़े को पार करने में कामयाब रहे। दरअसल पीपीपी ने मतदान के दौरान अनुपस्थित रहने का फैसला किया, जिससे इमरान की जीत आसान हो गई।
शपथग्रहण समारोह में पहुंचे पूर्व क्रिकेटर और पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने मुलाकात की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बाजवा ने सिद्धू से गले भी मिले। वे सिद्धू इमरान को तोहफे के रूप में पश्मीने का शॉल भेंट लेकर गए है। सिद्धू के पास 15 दिनों का वीजा है।
संसद में अपने पहले संबोधन में इमरान ने पाकिस्तान को लूटने वालों के खिलाफ कार्रवाई का इरादा जाहिर करते हुए कहा कि मैं आज अपने वतन से वादा करता हूं कि हम वो तब्दीली लाएंगे जिसके लिए यह मुल्क लंबे समय से कोशिश करता रहा है।
#WATCH: Navjot Singh Sidhu meets Pakistan Army Chief General Qamar Javed Bajwa at #ImranKhan's oath-taking ceremony in Islamabad. pic.twitter.com/GU0wsSM56s
— ANI (@ANI) August 18, 2018
इमरान ने कहा, हमें इस देश में सख्त जवाबदेही कायम करनी है। मैं वादा करता हूं कि मैं पाकिस्तान को लूटने वालों के खिलाफ कार्रवाई करुंगा। जिस काले धन को सफेद किया गया, मैं उसे वापस लाऊंगा। जो पैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और पानी पर खर्च होने चाहिए थे, वे लोगों की जेब में चले गए। उन्होंने कहा कि वह ऐसी चुनाव प्रणाली बनाएंगे जिससे कोई भी व्यक्ति भविष्य में चुनावों में खामियां नहीं तलाश पाएगा।
इमरान ने कहा, कोई मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश नहीं करे। इमरान ने कहा, मैं किसी तानाशाह के कंधों पर चढ़कर नहीं आया, मैं 22 सालों के संघर्ष के बाद इस मुकाम पर पहुंचा हूं। सिर्फ एक नेता ने मुझसे ज्यादा संघर्ष किया और वह मेरे हीरो (पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली) जिन्ना थे।