86 साल बाद आज पहली बार हागिया सोफिया में नमाज अदा की गई। तुर्की स्थित इस एतिहासिक मस्जिद में सलतनत ए उस्मानिया की समाप्ति के बाद पहली बार जुमे की नमाज पढ़ी गई। जिसमे तुर्की राष्ट्रपति सहित हजारों लोग शरीक हुए।
सुल्तानहेम स्क्वायर में जुमे की नमाज अदा की गई। हागिया सोफिया को मस्जिद में बदलना ऑटोमन साम्राज्य की भव्यता के प्रतीक की वापसी है। यूरोप और एशिया को बांटने वाली बॉसपोरस में पहाड़ी पर बने हागिया सोफिया को मस्जिद बदलने के पक्ष में पिछले दिनों फैसला सुनाया था।
Önüne geçilmez sel. #AyasofyaCamii pic.twitter.com/CaKzFQb8JM
— Yakup Köse (@KseYakup) July 24, 2020
यूनेस्को के विश्व धरोहर की सूची में शामिल इस इमारत को मस्जिद में बदलने के फैसले की एक सर्वे में 60 फीसद लोगों ने हिमायत की है। इस इमारत को छठी सदी में बाइजेंटाइनी सम्राट जस्टीनियन प्रथम ने ऑर्थोडॉक्स ईसाई गिरजे के तौर पर बनवाया था।
#AyasofyaCamii
The enthusiasm of Turkish people on the opening of Ayasofia after eight decades. pic.twitter.com/z3L4F0oCwZ— Siraj Ulhaq ?? (@imsiraj1) July 24, 2020
यह रोमन साम्राज्य का प्रमुख चर्च था और करीब 1000 साल तक दुनिया का सबसे बड़ा चर्च रहा। जब 1453 में कोंस्टांटिनोपल पर ऑटोमन सैनिकों ने कब्जा कर लिया तो ऑटोमन सुल्तान मेहमत द्वितीय ने इसे बड़ी मस्जिद में बदल दिया और कोंस्टांटिनोपल का नाम बदल कर इस्तांबुल कर दिया। तब से 1934 तक यह मस्जिद रहा।
Kutlamalar erken saatlerde basladi. Vaka sayisi onumuzdeki gunlerde x5 olur mu?
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आधुनिक तुर्की के निर्माता अतातुर्क ने ना सिर्फ इसे सबों के लिए खोल दिया बल्कि इसे म्यूजियम भी बना दिया। हालांकि अब ये फिर से मस्जिद है।
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— TUĞRUL ÇOLAK (@TURULOLAK7) July 24, 2020