साल की शुरुआत में सऊदी अरब हुकूमत द्वारा हज और उमराह की फीस में बढ़ोतरी की गई थी. जिसके बाद दुनिया भर में सऊदी अरब के इस फैसले का विरोध शुरू हो गया था. आखिर में सऊदी अरब को अपना फैसला वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा.
हज और उमराह की उच्च कमेटी के प्रमुख नासिर तोरुक ने इस बारें में कहा कि किंग सलमान बिन अब्दुलअजीज के शाही फरमान के बाद हज और उमराह की फीस को लेकर लिया गया फैसला रद्द कर दिया गया हैं. ये फैसला मिस्र सहित अन्य मुल्कों में बड़ते विरोध-प्रदर्शन को ध्यान में रखकर लिया गया. इसके अलावा सऊदी अरब हज और उमराह के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों को दो मुक्त वीजा अनुदान देगा.
इस फैसले को लेकर मिस्र की रिलीजियस टूरिज्म कमिटी के प्रमुख बेसल अल सीसी ने कहा कि इस फैसले को रद्द करने के बाद धार्मिक पर्यटन क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने सऊदी अरब के इस कदम को सही दिशा में सकारात्मक कदम बताया हैं.
उन्होंने आगे काह कि हालांकि उन्हें इसे बारें में सऊदी अरब की और से कोई औपचारिक सूचना प्राप्त नहीं हुई हैं. उन्होंने ये जानकारी सऊदी अरब के मीडिया में चल रही खबरों से पता चली हैं.