ग्रीस के समर्थन में बोला फ्रांस – तुर्की बातचीत नहीं कार्रवाई चाहता है, अब लगाएंगे प्रतिबंध

भूमध्यसागर में तुर्की के गैस भंडार खोजने के अभियान को लेकर तुर्की और ग्रीस में तनाव चरम पर है। ग्रीस ने तुर्की के अभियान को रोकने के लिए अपने छह एफ़-16 जंगी जहाज़ों को भेजा लेकिन तुर्की ने उन्हे खदेड़ दिया। तुर्की के इस कदम के बाद यूरोप तुर्की के खिलाफ सख्त प्रतिबंध लगाने की तैयारी कर रहा है।

बीबीसी के अनुसार, शुक्रवार को यूरोपीय संघ ने तुर्की को चेतावनी दी और कहा कि अगर पूर्वी भूमध्यसागर में ग्रीस और साइप्रस के साथ तनाव कम करने की तुर्की ने कोशिश नहीं की तो उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। संघ के कूटनीति मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि संघ चाहता है कि “बातचीत के ज़रिए मामले का हल निकले।”

जोसेप बोरेल ने तुर्की से कहा कि इस मुद्दे पर बातचीत आगे बढ़े. इसके लिए “तुर्की को किसी तरह की एकतरफ़ा कार्रवाई से बचना चाहिए। बोरेल ने कहा, “इस बात पर सहमति बन गई है कि अगर तुर्की इस मामले में अपने क़दम आगे नहीं बढ़ाता तो उस पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों की एक सूची तैयार की जाएगी जिस पर सितंबर 24-25 को होने वाली यूरोपीय काउंसिल की बैठक में चर्चा की जाएगी।”

बोरेल ने कहा कि ड्रिलिंग का काम करने वाले जहाज़ पर प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, साथ ही यूरोपीय संघ के बंदरगाहों के इस्तेमाल और ड्रिलिंग के काम से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों पर भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा तुर्की की ड्रिलिंग रोकने को लेकर दूसरे क़दम अगर कारगर नहीं हुए तो प्रतिबंध लागू कर दिए जाएंगे।

वहीं स के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार को कहा कि तुर्की अपने ख़िलाफ़ कार्रवाई चाहता है, वो बातचीत का रास्ता समझना नहीं चाहता। मैक्रों ने कहा है कि साइप्रस के पास मौजूद गैस के भंडार को लेकर हो रहे विवाद में और साइप्रस के कॉन्टिनेन्टल शेल्फ़ की सुरक्षा पर यूरोपीय संघ को ग्रीस और साइप्रस का साथ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ को इस मामले को लेकर प्रतिबंध लगाने के बारे में सोचना चाहिए।

मैक्रों का कहना है तुर्की अपनी हरकतों से यूरोपीय संघ को उकसा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं मानता हूं कि तुर्की ने हाल के वक़्त में जो रणनीति अपनाई है वो किसी नेटो सदस्य की रणनीति नहीं हो सकती। वो यूरोपीय संघ में शामिल दो देशों की संप्रभुता और उनके स्पेशल इकनॉमिक ज़ोन पर हमला कर रहा है। अगर हम अपने सदस्यों की संप्रभुता की रक्षा नहीं कर पाते तो हम बेलारूस के मामले में स्थिति संभालने में हमारी क्या विश्वसनीयता होगी?”

इस मामले में तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हामी अक्सोय ने कहा है कि “तुर्की बातचीत से हल निकालने का समर्थक है, लेकिन प्रतिबंधों की भाषा से समस्या हल नहीं होगी. इससे देश का इरादा और मज़बूत होगा।” उन्होंने कहा, “अगर यूरोपीय संघ पूर्वी भूमध्यसागर की समस्या का हल चाहता है तो उसे बिना किसी का पक्ष लिए काम करना होगा और एक ईमानदार मध्यस्थ की भूमिका निभानी होगी।”

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