नोबेल पुरस्कार देने वाली संस्था ने 2019 के लिए शांति का नोबेल पुरस्कार पाने वाले व्यक्ति की घोषणा कर दी है। इनका नाम अबी अबमद अली है और यह इथोपिया देश के प्रधानमंत्री हैं। इनको यह सम्मान पड़ोसी मुल्क से रिश्ते सुधारने के लिए किए गए प्रयासों के लिए दिया गया है।
पीएम ए. अहमद अली ने पड़ोसी देश एरिट्रिया (Eritrea) के साथ सीमा विवाद को सुलझाया। नोबेल प्राइज कमेटी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अहमद अली ने एरिट्रिया से विवाद सुलझाने के लिए कई पहल शुरू कीं और शांति बहाल की। नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा नॉर्वे की संसद की ओर से चुनी गई पांच सदस्यीय समिति करती है।
43 साल के अबी अहमद को इथोपिया का ‘नेल्सन मंडेला’ भी कहा जाता है। दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के गांधी कहे जाने वाले नेल्सन मंडेला जब जेल से निकले तब अब अहमद महज 13 साल के थे। वह मंडेला के बहुत बड़े प्रशंसक हैं और अक्सर उनकी तस्वीर छपी टी-शर्ट पहना करते थे। अप्रैल 2018 में अबी अहमद इथोपिया के प्रधानमंत्री बने और अफ्रीकी देशों में सबसे युवा राष्ट्राध्यक्ष बने।
Learn more about the 2019 #NobelPeacePrizehttps://t.co/zwLcXQBiga#NobelPrize
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 11, 2019
प्रधानमंत्री बनने के साथ ही उन्होंने इथोपिया में उदारवादी सुधार शुरू कर दिए। पीएम बनने के 100 दिनों के भीतर ही अबी अहमद ने इमर्जेंसी हटाया। मीडिया से सेंशरशिप हटाने का फैसला किया। उन्होंने हजारों विपक्षी कार्यकर्ताओं को जेलों से रिहा किया। जिन असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं को देश से निर्वासित किया गया था, उन्हें लौटने की इजाजत दी।
इरिट्रिया के साथ करीब 2 दशकों से चले संघर्ष को खत्म करने के अलावा अबी अहमद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई विवादों को हल करने में अहम भूमिका निभाई। सितंबर 2018 में उनकी सरकार ने इरिट्रिया और जिबूती के बीच कई सालों से चली आ रही राजनीतिक शत्रुता तो खत्म कर कूटनीतिक रिश्तों को सामान्य बनाने में मदद की। इसके अलावा अबी अहमद ने केन्या और सोमालिया में समुद्री इलाके को लेकर चले आ रहे संघर्ष को खत्म करने में मध्यस्थता की।
इथोपिया नोबेल का शांति पुरस्कार पाने वाले दुनिया के 100 वें व्यक्ति और संस्था हैं। इससे पहले भी नोबेल पुरस्कार फाउंडेशन ने दुनिया में शांति स्थापित करने के लिए कई महान हस्तियों को इस सम्मान से नवाजा है।