मिस्र कोई छोटा देश नहीं है जो सऊदी अरब के पीछे चले: राष्ट्रपति अब्दुल फ़त्ताह सीसी

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मिस्र और सऊदी अरब के रिश्तों की तल्खी अब सामने खुलकर आती जा रही हैं. सीरिया युद्ध में सऊदी अरब का साथ देने वाला मिस्र पहले ही सऊदी अरब का साथ छोड़ चूका हैं. लेकिन अब मिस्र ने खुलकर सऊदी अरब की अंतरष्ट्रीय नीतियों को भी अपनाने से इनकार कर दिया हैं.

लेबनानी समाचार पत्र अस्सफ़ीर को दिए इंटरव्यू में मिस्र के राष्ट्रपति ब्दुल फ़त्ताह सीसी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर क़ाहिरा, सऊदी अरब के पीछे नहीं चलने वाला. सीसी ने कहा कि मिस्र अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मामलों में सऊदी अरब की नीतियों का अनुसरण नहीं करेगा.

उन्होंने आगे कहा कि रियाज को क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के बारे में कुछ लोगों के अलग दृष्टिकोणों का सम्मान करना चाहिए क्योंकि मिस्र कोई छोटा देश नहीं है जो सऊदी अरब की इच्छा का अनुसरण करे.

याद रहें कि सऊदी अरब और मिस्र के मध्य मतभेद खुलकर उस समय खुलकर सामने आ गये जब सीरिया के बारे में सुरक्षा परिषद में क़ाहिरा ने रूस के मसौदे का समर्थन किया.

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