अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को साल 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। नॉर्वे के प्रोग्रेस पार्टी से सांसद और नाटो संसदीय सभा के चेयरमैन क्रिश्चियन ताइब्रिंग गजेड ने उन्हें UAE-इजरायल डील के लिए नामित किया। बता दें कि टाइब्रिंग ने साल 2018 में भी डोनाल्ड ट्रंप को इस पुरस्कार के लिए नामित किया था।
उन्होंने फॉक्स न्यूज से कहा, ‘नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किए गए अन्य लोगों से ज्यादा ट्रंप ने देशों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिशें की हैं।’ ताइब्रिंग ने ट्रंप की मिडिल ईस्ट से बड़ी संख्या में सैनिकों को वापस बुलाने के लिए भी प्रशंसा की। ट्रंप के लिए नॉमिनेशन पत्र में ताइब्रिंग ने लिखा, ‘जैसी कि उम्मीद है कि अन्य मध्य पूर्वी देश संयुक्त अरब अमीरात के नक्शेकदम पर चलेंगे, यह समझौता एक गेम चेंजर हो सकता है जो मध्य पूर्व को सहयोग और समृद्धि के क्षेत्र में बदल देगा।’
उन्होंन ट्रंप के नामांकन के लिए लिखे गए पत्र में लिखा कि वह इस पुरस्कार की तीनों पात्रताएं पूरी करते हैं। उन्होंने अन्य देशों के साथ किसी तरह के सशस्त्र संघर्ष को बढ़ावा नहीं दिया और न ही युद्ध की पहल की। उन्होंने बातचीत के जरिए समझौते किए। ट्रंप ने मध्य पूर्व के देशों में नाटो और अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम की है। 39 साल से अमेरिका के राष्ट्रपति या तो अमेरिका को युद्ध की स्थिति में ले जा रहे थे या अमेरिका को अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र विवाद में उलझा रहे थे। ट्रंप ने इसे समाप्त किया है।
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— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) September 9, 2020
पिछले महीने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, अबुधाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद और डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर चर्चा हुई जिसके बाद इस समझौते की मंजूरी दी गई। इस फैसले के बाद अमेरिका ने कहा था कि यह ऐतिहासिक कूटनीतिक सफलता मध्य पूर्व क्षेत्र में शांति को आगे बढ़ाएगी।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रोबर्ट ओ ब्रायन ने कहा कि अब राष्ट्रपति ट्रंप को शांति के लिए नोबेल दिया जाना चाहिए। ब्रायन ने कहा कि उन्होंने (ट्रंप) शांति के लिए शानदार काम किया है। ब्रायन बोले, ‘अगर यह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को नहीं दिया गया तो किसे दिया जाना चाहिए मुझे नहीं पता।
ब्रायन ने दावा किया कि डोनाल्ड ट्रंप की वजह इजरायल-फिलिस्तीन के बीच शांति समझौता प्लान तैयार हो रहा है, वह अफगानिस्तान में शांति लाए। वह बोले, ‘कम से कम अमेरिका और तालिबान के बीच तो लाए ही। हमने (अमेरिका) 29 फरवरी से अबतक अफगानिस्तान में अपना कोई जवान युद्ध वाली स्थिति में नहीं खोया है। अब ट्रंप ने इजरायल और यूएई के बीच शांति समझौता करवाया है।’