वाशिंगटन। कोरोना संकट के बीचअमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दी जाने वाली सालाना 50 करोड़ डॉलर तक की अमेरिकी धनराशि को रोक दिया है। उन्होंने कहा कि WHO ने चीन में फैले कोविड-19 की गंभीरता को छिपाया और बाद में यह पूरी दुनिया में फैल गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि यूएन से संबंधित इस एजेंसी ने झूठी जानकारी मुहैया कराई और इसके चीन के डेटा पर निर्भर रहने की वजह से दुनिया में संक्रमण के मामलों में 20 गुना से ज्यादा का इजाफा हुआ। बता दें कि इस वायरस से अमेरिका में 25,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दुनिया भर में कम से कम 1.19 लाख लोग मारे गए हैं।
ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में महामारी पर अपने दैनिक संवाददाता सम्मलेन में कहा, ‘‘आज मैं अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन के वित्त पोषण को रोकने का निर्देश दे रहा हूं, साथ ही कोरोना वायरस के प्रसार में गंभीर कुप्रबंधन और इसे छिपाने की कोशिश के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका की समीक्षा की जा रही है। हर कोई जानता है कि वहां क्या हुआ।’’
US President Donald Trump announces 'halting funding' of World Health Organization: AFP news agency (File pic) pic.twitter.com/IUHvkHsNMD
— ANI (@ANI) April 14, 2020
ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी करदाता हर साल 40 करोड़ से 50 करोड़ डालर तक डब्ल्यूएचओ को देते हैं, जबकि चीन एक साल में लगभग चार करोड़ डॉलर का योगदान देता है या इससे भी कम। उन्होंने कहा कि संगठन के प्रमुख प्रायोजक के रूप में अमेरिका का यह कर्तव्य है कि वह डब्ल्यूटीओ की पूर्ण जवाबदेही तय करे। उन्होंने कहा कि दुनिया डब्ल्यूएचओ पर निर्भर है कि वह देशों के साथ काम करे ताकि अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य खतरों के बारे में सटीक जानकारी समय पर साझा की जाए। उन्होंने कहा, ‘‘डब्ल्यूएचओ इस मूल कर्तव्य में विफल रहा और उसे जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
इसी बीच यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि यह WHO के लिए संसाधन रोकने का सही समय नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सगंठन कोरोनावायरस के खिलाफ जंग जीतने में सबसे अहम है। गुटेरेस इससे पहले भी सभी देशों से कोरोना के खिलाफ मुकाबले के लिए साथ आने की अपील कर चुके हैं।