मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में फिलीस्तीनी राजदूत ने यरूशलेम पवित्र स्थल से सभी इजरायली सुरक्षा उपायों को हटा देने की मांग की. उन्होने कहा कि इज़राइल के इस कदम ने फिलिस्तीनियों को हिंसक विरोधों के लिए प्रेरित किया.
फिलिस्तीनी प्रतिनिधि रियाद मंसूर ने मध्य पूर्व पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में डे-एस्कलेशन को महत्वपूर्ण बताया. मंसूर ने “अल-अक्सा मस्जिद परिसर में ऐतिहासिक स्थिति को फिर से बहाल करने के लिए सभी प्रयासों को जारी रखने” की अपील की और कहा “इस स्थिति के उल्लंघन में सभी उपायों को हटाने की आवश्यकता है.”
अल-अकसा मस्जिद परिसर में नए इजरायली सुरक्षा उपायों के खिलाफ छेड़ गए संघर्षों में पांच फिलीस्तीनियों की मौत हो गई है. हालांकि मंगलवार को इसराइल ने प्रवेश द्वारों से मेटल डिटेक्टरों और परिसर में से कैमरे को हटा दिया. लेकिन साथ ही कहा कि वह उन्नत प्रौद्योगिकियों और अन्य तरीकों से सुरक्षा जांच करेगा.
याद रहे 14 जुलाई को एक हमले के बाद मेटल डिटेक्टरों को लगाया गया था जिसमें दो इजरायली पुलिस अधिकारियों की मौत हो गई थी. इसराइल ने कहा कि परिसर में हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए उपकरण की जरूरत थी.
संयुक्त राष्ट्र के दूत निकोलये म्लादेनोव ने मेटल डिटेक्टरों को निकालने के फैसले का स्वागत किया और कहा कि फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने मंगलवार को घटनाओं के बारे में चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई है.