चीन ने ईरान के खिलाफ अमेरिका के प्रतिबंधों को मानने से साफ इंकार कर दिया है। चीन ने साफ तौर पर कहा कि वह ईरान से तेल ख़रीदना बंद नहीं करेगा।
ब्लोमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, अमरीका के इन दो अधिकारियों ने अपना नाम छिपाने की शर्ता पर बताया है कि चीन की ओर से अमरीका के प्रस्ताव को रद्द करना बहुत बुरी ख़बर है क्योंकि इससे अमरीका की ओर से ईरान को अलग-थलग करने के प्रयासों को धक्का लगेगा।
बता दें कि चीन और अमेरिका के बीच पहले ही टेरीफ़ को लेकर तनातनी चल रही है। ऐसे में चीन ने तेल की खपत को ही अपना हथियार बना लिया है। हाल ही में अमेरिका ने चीन के उत्पादों पर आयात शुल्क दोगुना करने की धमकी दी है।
इतना ही नहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रशासन को 200 अरब डॉलर के मूल्य वाले चीनी उत्पादों पर 10 फीसद आयात शुल्क बढ़ाकर 25 फीसद करने पर विचार करने का आदेश दिया है। इन उत्पादों में मछली, पेट्रोलियम, रसायन, रेफ्रिजरेटर, हैंडबैग और अन्य सामान शामिल है।
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटाइजर ने बयान जारी करते हुए कहा, “चीनी सामान पर आयात शुल्क पर संभावित बढ़ोतरी का उद्देश्य चीन को अपनी हानिकारक नीतियों को बदलने के लिए प्रोत्साहित करना है।”
अमेरिका के इस रुख पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि चीन व्यापार विवाद पर अपने रुख पर अटल है। प्रवक्ता ने कहा, “चीन का रुख दृढ़ और स्पष्ट है। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। अमेरिका द्वारा हमें ब्लैकमेल करना और दबाव बनाना काम नहीं करेगा और यदि अमेरिका अपनी उकसावे वाली गतिविधियों को जारी रखेगा तो हम भी इसका उचित जवाब देंगे।”