चीन ने मुसलमानों के प्रति दुराग्रह रोकने के लिए इंटरनेट पर इस्लाम विरोधी शब्दों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी है. चीन ने इस्लाम के प्रति भेदभाव रोकने के लिए यह कदम उठाया है.
पीटीआई के अनुसार मुस्लिमों को अपमानित करने के उद्देश्य से इस्तेमाल किये जाने वाले शब्दों को चीन सरकार ने इन्टरनेट पर ब्लाक कर दिया है. गैर-सरकारी आंकड़ों के अनुसार, चीन में 21 मिलियन से ज्यादा मुस्लिम हैं, जिनमें ज्यादातर उईघुर और हुई समुदाय से हैं.
ग्लोबल टाइम्स ने इस बारें में अपनी रिपोर्ट में लिखा कि पिछले कुछ सालों में चीन में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ असंतुष्टि और डर का माहौल बढ़ रहा है.
बीजिंग स्थित मिंजू यूनिवर्सिटी के शियांग कुनशिन बताते हैं, ‘इंटरनेट से इस्लाम को लेकर भेदभाव या पक्षपात करने वाले कट्टरपंथी शब्दों को तत्काल हटाए जाने की जरूरत है, ताकि इस समुदाय को लेकर इंटरनेट पर नफरत की स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके.’
उन्होंने कहा कि कुछ इंटरनेट यूजर्स ने चीन की जातीय नीतियों को सही से नहीं समझा है, इसलिए वे इसे बहुसंख्यक हान लोगों के साथ अन्याय बता रहे हैं. चीन आधिकारिक तौर पर किसी धर्म को नहीं मानता, लेकिन नागरिकों के धार्मिक अधिकारों की रक्षा करने की बात करता है.