लंदन: ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे का यूरोपीय संघ से अलग होने संबंधी ब्रेक्जिट समझौता मंगलवार को संसद में पारित नहीं हो सका। मे के समझौते को ‘हाउस ऑफ कामन्स’ में 432 के मुकाबले 202 मतों से हार का सामना करना पड़ा। आधुनिक इतिहास में किसी भी ब्रितानी प्रधानमंत्री की सबसे करारी हार है।
ब्रेक्जिट समझौता खारिज होने के बाद ब्रिटेन की यूरोपीय संघ से अलग होने की योजना में दिक्कत आ सकती है। फैसले की इस घड़ी में प्रधानमंत्री थेरेसा मे को डर है कि संसद में विपक्ष के साथ-साथ उनकी पार्टी के सदस्य उनका साथ छोड़ सकते हैं। इस हार के कुछ ही मिनटों बाद विपक्षी लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने घोषणा की कि उनकी पार्टी मे की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी।
वोटिंग के बाद विपक्षी दल लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कोर्बिन ने कहा कि सांसदों की सांसदों की चिंता को दूर करने में यह सरकार पूरी तरह से विफल रही है। उन्होंने कहा था कि अगले 24 घंटे में थेरेसा मे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए और देश में फिर से मतदान कराना चाहिए।
British Prime Minister Theresa May's Brexit deal defeated in UK Parliament, 432 No votes to 202 Yes votes pic.twitter.com/F1HXc3zFlg
— ANI (@ANI) January 15, 2019
प्रधानमंत्री मे ने देश के एक प्रमुख अखबार में लेख लिखते हुए अपने सांसदों से प्रस्ताव पर समर्थन की अपील की थी। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री थेरेसा को पहले से ही इस मुद्दे पर हार का अंदेशा था इसलिए वह पहले भी एक बार वोटिंग को टलवा चुकी थीं। वह लगातार सांसदों से पक्ष में वोट करने की अपील कर रही थीं।
ब्रिटेन की संसदीय प्रक्रिया के अनुसार जब सांसद कोई विधेयक खारिज कर देते हैं, तो प्रधानमंत्री के पास ‘दूसरी योजना’ (प्लान बी) के साथ संसद में आने के लिए तीन कामकाजी दिन होते हैं। ऐसी संभावना है कि मे बुधवार को ब्रसेल्स जाकर ईयू से और रियायतें लेने की कोशिश करेंगी और नए प्रस्ताव के साथ ब्रिटेन की संसद में आएंगी। सांसद इस पर भी मतदान करेंगे।
यदि यह प्रस्ताव भी असफल रहता है तो सरकार के पास एक अन्य विकल्प के साथ लौटने के लिए तीन सप्ताह का समय होगा। यदि यह समझौता भी संसद में पारित नहीं होता है तो ब्रिटेन बिना किसी समझौते के ही ईयू से 29 मार्च को बाहर हो जाएगा।